इस Shani sabse sundar graha lesson notes पोस्ट में पाठ से संबंधित प्रमुख प्रश्नों का उत्तर, Aditional प्रश्नोत्तर, नए शब्दों का अर्थ, Shani sabse sundar graha summary (hindi, english, kannada) इन तीन भाषाओं में बहुत ही विस्तार से लिखा गया है।
यह Shani sabse sundar graha lesson Annual Exam की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस छोटे से lesson पर 4 अंकों के लिए Question पूछे जाएंगे। सिर्फ थोड़ा सा प्रयास कर अगर आप इसकी तैयारी कर लेंगे तो ऊपर बताए गए Mark’s को आसानी से पा सकते हैं।
इस कार्य को करने के लिए अच्छे Notes की जरूरत पड़ेगी, ऐसे में यह Shani sabse sundar graha लेख आपको पूरी तरह 100% मदद करेगी। तो चलिए पढ़ना शुरू करते हैं।
Shani sabse sundar graha lesson notes
I. Shani sabse sundar graha Answers:
1. सौर-मंडल का सबसे बड़ा ग्रह कौन-सा है?
उत्तर : सौर-मंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति है।
2. सौर-मंडल में शनि ग्रह का स्थान क्या है?
उत्तर : सौर-मंडल में शनि ग्रह की कक्षा बृहस्पति ग्रह के बाद है और आकार में सबसे बड़े ग्रहों में दूसरे स्थान पर है।
3. पृथ्वी और सूर्य में कितना फासला है?
उत्तर : पृथ्वी और सूर्य में 15 करोड़ किलोमीटर का फासला है।
4. शनि किसका पुत्र है?
उत्तर : शनि महारज सूर्य का पुत्र है।
5. ‘शनै:चर’ का अर्थ क्या है?
उत्तर : ‘शनै:चर’ का अर्थ है- धीमी गति से चलनेवाला।
6. सूर्य का एक चक्कर लगाने में शनि को कितना समय लगता है?
उत्तर : सूर्य का एक चक्कर लगाने में शनि को करीब तीस वर्षों का समय लगता है।
7. शनि एक राशि में कितने सालों तक रहता है?
उत्तर : शनि एक राशि में ढ़ाई साल तक रहता है।
8. बहुत कम सूर्यताप किस ग्रह पर होता है?
उत्तर : बहुत कम सूर्यताप शनि ग्रह पर होता है।
9. शनि का निर्माण किस प्रकार हुआ है?
उत्तर : शनि का वायुमंडल हाइड्रोजन, हीलियम, मीथेन तथा एमोनिया जैसे गैसों से बना है। शनि की सतह के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। हम केवल इसके चमकीले बाहरी वायुमंडल को ही देख सकते हैं।
10. सौर-मंडल का सबसे बड़ा उपग्रह कौन-सा है?
उत्तर : बृहस्पति का गैनीमीड उपग्रह सौर-मंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है।
Shani sabse sundar graha additional answers
1. शनि के उपग्रहों की संख्या कितनी है ? और इनकी खोज कैसी हुई ?
उत्तर : पाठ में प्राप्त जानकारी के अनुसार शनि के उपग्रहों की संख्या 17 है। और इनकी खोज धरती से भेजें गए स्वचालित अंतरिक्षयान पायोनियर तथा वायजर से हुई है।
2. टाइटन उपग्रह का व्यास कितना है ? और यह हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?
उत्तर : टाइटन उपग्रह का व्यास 5150 किलोमीटर है। और यहाँ के वातावरण में हम अपने अंतरिक्षयान को उतार सकते हैं। इसलिए यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
Shani sabse sundar graha lesson new words
1 | सौर-मंडल | Solar system | ಸೌರವ್ಯೂಹ |
2 | कक्षा | Orbit | ಕಕ್ಷೆ |
3 | पृथ्वी | Earth | ಭೂಮಿ |
4 | दूरबीन | Telescope | ದೂರದರ್ಶಕ |
5 | वलय | Ring | ಉಂಗುರ |
6 | वायुमंडल | Atmosphere | ವಾತಾವರಣ |
7 | सूर्य ताप | Sun heat | ಸೂರ್ಯನ ಶಾಖ |
8 | चमकीला | Bright | ಪ್ರಕಾಶಮಾನ |
9 | उपग्रह | Satellite | ಉಪಗ್ರಹ |
10 | सतह | surface | ಮೇಲ್ಮೈ |
Shani sabse sundar graha summary in hindi
सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के बाद शनि ग्रह की कक्षा है । शनि सौर मंडल का दूसरा बड़ा ग्रह है । यह हमारी पृथ्वी से करीब 750 गुना – बड़ा है। शनि के गोले का व्यास 116 हज़ार किलोमीटर है ; अर्थात्, पृथ्वी के व्यास से करीब नौ गुना अधिक ।
हमारी पृथ्वी सूर्य से करीब 15 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर है । तुलना में शनि ग्रह दस गुना अधिक दूर है। इसे दूरबीन के बिना कोरी आँखों से भी आकाश में पहचाना जा सकता है ।
हमारी पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि महाराज सूर्य के पुत्र हैं । शनि को ‘शनैश्चर’ भी कहते हैं। आकाश के गोल पर यह ग्रह बहुत धीमी गति से चलता दिखाई देता है । इसीलिए प्राचीन काल के लोगों ने इसे ‘शनैःचर’ नाम दिया था । ‘शनैःचर’ का अर्थ होता है – धीमी गति से चलनेवाला ।
लेकिन बाद के लोगों ने इस शनैश्चर को ‘सनीचर’ बना डाला ! सनीचर का नाम लेते ही अंधविश्वासियों की रूह काँपने लगती है ! एक बार यदि यह ग्रह किसी की राशि में पहुँच जाये, तो फिर साढ़े सात साल तक उसकी खैर नहीं !
शनि को यदि दूरबीन से देखा जाये, तो इस ग्रह के चहुँ ओर वलय (गोल) दिखाई देते हैं। प्रकृति ने इस ग्रह के गले में खूबसूरत हार डाल दिये हैं ।
शनि के इन वलयों या कंकणों ने इस ग्रह को सौर मंडल का सबसे सुंदर एवं मनोहर ग्रह बनाया है । वस्तुतः शनि सौर मंडल का सर्वाधिक सुंदर ग्रह है ।
ताज़ी जानकारी के अनुसार बृहस्पति, युरेनस और नेपच्यून के इर्द-गिर्द भी वलय हैं, परंतु शनि के वलय ज्यादा विस्तृत और स्पष्ट हैं। शनि के अद्भुत वलयों और इसकी अन्य अनेक विशेषताओं के बारे में विस्तृत जानकारी हमें आधुनिक काल में ही मिली है ।
शनि ग्रह अत्यंत मंद गति से करीब तीस वर्षों में सूर्य का एक चक्कर लगाता है । इसलिए साल भर के अंतर के बाद भी आकाश में शनि की स्थिति में कोई विशेष परिवर्तन नहीं दिखाई देता । यह एक राशि में करीब ढाई साल तक रहता है।
शनि ग्रह सूर्य से पृथ्वी की अपेक्षा करीब दस गुना अधिक दूर है, इसलिए बहुत कम सूर्यताप उस ग्रह तक पहुँचता है – पृथ्वी का मात्र सौवाँ हिस्सा । इसलिए शनि के वायुमंडल का तापमान शून्य के नीचे 150° सेंटीग्रेड के आसपास रहता है। शनि एक अत्यन्त ठंडा ग्रह है ।
बृहस्पति की तरह शनि का वायुमंडल भी हाइड्रोजन, हीलियम, मीथेन तथा एमोनिया गैसों से बना है। शनि की सतह के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। हम केवल इसके चमकीले बाहरी वायुमंडल को ही देख सकते हैं ।
शनि के केंद्रभाग में ठोस गुठली होनी चाहिए। लेकिन चंद्रमा, मंगल या शुक्र की तरह शनि की सतह पर उतर पाना आदमी के लिए संभव नहीं होगा ।
अभी दो दशक पहले तक शनि के दस उपग्रह खोजे थे। लेकिन अब शनि के उपग्रहों की संख्या 17 पर पहुँच गई है। धरती से भेजे गये स्वचालित अंतरिक्षयान पायोनियर तथा वायजर शनि के नज़दीक पहुँचे और इन्हींके ज़रिए इस ग्रह के सात नए उपग्रह खोजे गये । शनि के और भी कुछ चंद्र हो सकते हैं।
शनि का सबसे बड़ा चंद्र टाइटन सौर मंडल का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और दिलचस्प उपग्रह है। टाइटन हमारे चंद्र से भी काफी बड़ा है। इसका व्यास 5150 किलोमीटर है।
अभी कुछ साल पहले तक टाइटन को ही सौर मंडल – का सबसे बड़ा उपग्रह समझा जाता था, परंतु वायजर यान की खोजबीन से पता चला है कि बृहस्पति का गैनीमीड उपग्रह सौर मंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है।
शनि की सतह पर अंतरिक्षयान को उतारना तो संभव नहीं है, परंतु टाइटन की सतह पर अंतरिक्षयान को उतारा जा सकता है।
शनि हमारे सौर मंडल का एक अद्भुत और सुंदर ग्रह है। किसी भी ग्रह – को शुभ या अशुभ समझने का कोई भौतिक कारण नहीं है । शनि तो हमारे सौर-मंडल का सबसे खूबसूरत (shani sabse sundar graha) ग्रह है ।
Shani sabse sundar graha video
Source : Rk Karnataka Hindi
Shani sabse sundar graha summary in english
The orbit of Saturn is after Jupiter, the largest planet in the solar system. Saturn is the second largest planet in the solar system. It is about 750 times larger than our Earth. The diameter of Saturn’s sphere is 116 thousand kilometers; That is, about nine times the diameter of the Earth.
Our Earth is at a distance of about 15 crore kilometers from the Sun. In comparison, Saturn is ten times more distant. It can be identified in the sky even with the naked eye without a telescope.
According to our mythology, Shani Maharaj is the son of Surya. Shani is also called ‘Shanishchar’. This planet appears to move very slowly on the circle of the sky. That is why ancient people named it ‘Shanaichar’. ‘Shanaichar’ means slow moving.
But later people made this Shanishchar ‘Sanichar’! The soul of superstitious people starts trembling at the mention of Sanichar’s name. Once this planet reaches someone’s zodiac sign, then he will not be well for seven and a half years.
If Saturn is seen through a telescope, rings (rounds) are visible all around this planet. Nature has put a beautiful necklace around the neck of this planet.
These rings or bracelets of Saturn have made this planet the most beautiful and charming planet in the solar system. In fact, Saturn is the most beautiful planet in the solar system.
According to the latest information, Jupiter, Uranus and Neptune also have rings around them, but Saturn’s rings are more wide and clear. We have received detailed information about the amazing rings of Saturn and its many other characteristics only in modern times.
The planet Saturn rotates around the Sun very slowly in about thirty years. Therefore, even after a gap of a year, no significant change is visible in the position of Saturn in the sky. It remains in one zodiac sign for about two and a half years.
Saturn is about ten times farther from the Sun than Earth, so very little sunlight reaches the planet – only one hundredth of Earth’s. Therefore the temperature of Saturn’s atmosphere remains around 150° centigrade below zero. Saturn is a very cold planet.
Like Jupiter, Saturn’s atmosphere is also made up of hydrogen, helium, methane and ammonia gases. We have no information about the surface of Saturn. We can only see its bright outer atmosphere.
Saturn should have a solid core in its center. But it will not be possible for man to land on the surface of Saturn like the Moon, Mars or Venus.
Just two decades ago, ten satellites of Saturn were discovered. But now the number of Saturn’s satellites has reached 17. Automated spacecraft Pioneer and Voyager sent from Earth reached near Saturn and through them seven new satellites of this planet were discovered. Saturn may have some more moons.
Saturn’s largest moon Titan is the most important and interesting satellite of the Solar System. Titan is much bigger than our Moon. Its diameter is 5150 kilometers.
Until just a few years ago, Titan was considered the largest satellite in the Solar System, but investigations by the Voyager spacecraft have revealed that Jupiter’s Ganymede satellite is the largest satellite in the Solar System.
It is not possible to land a spacecraft on the surface of Saturn, but a spacecraft can be landed on the surface of Titan.
Saturn is an amazing and beautiful planet of our solar system. There is no physical reason to consider any planet as auspicious or inauspicious. Saturn is the most beautiful (shani sabse sunder graha) planet in our solar system.
Shani sabse sundar graha related video
Source : अंतरिक्ष Tv
Shani sabse sundar graha summary in kannada
ಸೌರವ್ಯೂಹದ ಅತಿ ದೊಡ್ಡ ಗ್ರಹವಾದ ಗುರುವಿನ ನಂತರ ಶನಿಯ ಕಕ್ಷೆಯಿದೆ. ಸೌರವ್ಯೂಹದಲ್ಲಿ ಶನಿಯು ಎರಡನೇ ಅತಿ ದೊಡ್ಡ ಗ್ರಹವಾಗಿದೆ. ಇದು ನಮ್ಮ ಭೂಮಿಗಿಂತ ಸುಮಾರು 750 ಪಟ್ಟು ದೊಡ್ಡದಾಗಿದೆ. ಶನಿಯ ಗೋಳದ ವ್ಯಾಸವು 116 ಸಾವಿರ ಕಿಲೋಮೀಟರ್; ಅಂದರೆ ಭೂಮಿಯ ವ್ಯಾಸದ ಸುಮಾರು ಒಂಬತ್ತು ಪಟ್ಟು.
ನಮ್ಮ ಭೂಮಿ ಸೂರ್ಯನಿಂದ ಸುಮಾರು 15 ಕೋಟಿ ಕಿಲೋಮೀಟರ್ ದೂರದಲ್ಲಿದೆ. ಹೋಲಿಸಿದರೆ, ಶನಿಯು ಹತ್ತು ಪಟ್ಟು ಹೆಚ್ಚು ದೂರದಲ್ಲಿದೆ. ದೂರದರ್ಶಕವಿಲ್ಲದೆ ಬರಿಗಣ್ಣಿನಿಂದ ಕೂಡ ಇದನ್ನು ಆಕಾಶದಲ್ಲಿ ಗುರುತಿಸಬಹುದು.
ನಮ್ಮ ಪುರಾಣಗಳ ಪ್ರಕಾರ ಶನಿ ಮಹಾರಾಜನು ಸೂರ್ಯನ ಮಗ. ಶನಿಯನ್ನು ‘ಶನಿಶ್ಚರ’ ಎಂದೂ ಕರೆಯುತ್ತಾರೆ. ಈ ಗ್ರಹವು ಆಕಾಶದ ವೃತ್ತದಲ್ಲಿ ಬಹಳ ನಿಧಾನವಾಗಿ ಚಲಿಸುವಂತೆ ಕಾಣುತ್ತದೆ. ಅದಕ್ಕಾಗಿಯೇ ಪ್ರಾಚೀನರು ಇದಕ್ಕೆ ‘ಶನೈಚಾರ’ ಎಂದು ಹೆಸರಿಟ್ಟರು. ‘ಶನೈಚಾರ’ ಎಂದರೆ ನಿಧಾನವಾಗಿ ಚಲಿಸುವುದು.
ಆದರೆ ನಂತರದ ಜನರು ಈ ಶನಿಶ್ಚರನನ್ನು ‘ಸನಿಚಾರ’ ಮಾಡಿದರು! ಸಾನಿಚಾರ್ ಹೆಸರು ಹೇಳಿದರೆ ಮೂಢನಂಬಿಕೆಯ ಜನರ ಆತ್ಮ ನಡುಗುತ್ತದೆ. ಈ ಗ್ರಹವು ಒಬ್ಬರ ರಾಶಿಚಕ್ರದ ಚಿಹ್ನೆಯನ್ನು ತಲುಪಿದ ನಂತರ, ಅವರು ಏಳೂವರೆ ವರ್ಷಗಳವರೆಗೆ ಚೆನ್ನಾಗಿರುವುದಿಲ್ಲ.
ದೂರದರ್ಶಕದ ಮೂಲಕ ಶನಿಗ್ರಹವನ್ನು ನೋಡಿದರೆ, ಗ್ರಹದ ಸುತ್ತಲೂ ಉಂಗುರಗಳು (ಸುತ್ತುಗಳು) ಗೋಚರಿಸುತ್ತವೆ. ಪ್ರಕೃತಿಯು ಈ ಗ್ರಹದ ಕೊರಳಿಗೆ ಸುಂದರವಾದ ಹಾರವನ್ನು ಹಾಕಿದೆ.
ಶನಿಯ ಈ ಉಂಗುರಗಳು ಅಥವಾ ಕಡಗಗಳು ಈ ಗ್ರಹವನ್ನು ಸೌರವ್ಯೂಹದ ಅತ್ಯಂತ ಸುಂದರ ಮತ್ತು ಆಕರ್ಷಕ ಗ್ರಹವನ್ನಾಗಿ ಮಾಡಿದೆ. ವಾಸ್ತವವಾಗಿ, ಶನಿಯು ಸೌರವ್ಯೂಹದ ಅತ್ಯಂತ ಸುಂದರವಾದ ಗ್ರಹವಾಗಿದೆ.
ಇತ್ತೀಚಿನ ಮಾಹಿತಿಯ ಪ್ರಕಾರ, ಗುರು, ಯುರೇನಸ್ ಮತ್ತು ನೆಪ್ಚೂನ್ ಸುತ್ತಲೂ ಉಂಗುರಗಳಿವೆ, ಆದರೆ ಶನಿಯ ಉಂಗುರಗಳು ಹೆಚ್ಚು ಅಗಲ ಮತ್ತು ಸ್ಪಷ್ಟವಾಗಿರುತ್ತವೆ. ಶನಿಯ ಅದ್ಭುತ ಉಂಗುರಗಳು ಮತ್ತು ಅದರ ಇತರ ಗುಣಲಕ್ಷಣಗಳ ಬಗ್ಗೆ ನಾವು ಆಧುನಿಕ ಕಾಲದಲ್ಲಿ ಮಾತ್ರ ವಿವರವಾದ ಮಾಹಿತಿಯನ್ನು ಪಡೆದಿದ್ದೇವೆ.
ಶನಿ ಗ್ರಹವು ಸುಮಾರು ಮೂವತ್ತು ವರ್ಷಗಳಲ್ಲಿ ಸೂರ್ಯನ ಸುತ್ತ ತುಂಬಾ ನಿಧಾನವಾಗಿ ಸುತ್ತುತ್ತದೆ. ಆದ್ದರಿಂದ, ಒಂದು ವರ್ಷದ ಅಂತರದ ನಂತರವೂ, ಆಕಾಶದಲ್ಲಿ ಶನಿಯ ಸ್ಥಾನದಲ್ಲಿ ಗಮನಾರ್ಹ ಬದಲಾವಣೆಯು ಗೋಚರಿಸುವುದಿಲ್ಲ. ಇದು ಸುಮಾರು ಎರಡೂವರೆ ವರ್ಷಗಳ ಕಾಲ ಒಂದು ರಾಶಿಯಲ್ಲಿ ಉಳಿಯುತ್ತದೆ.
ಶನಿಯು ಭೂಮಿಗಿಂತ ಸೂರ್ಯನಿಂದ ಸುಮಾರು ಹತ್ತು ಪಟ್ಟು ದೂರದಲ್ಲಿದೆ, ಆದ್ದರಿಂದ ಕಡಿಮೆ ಸೂರ್ಯನ ಬೆಳಕು ಗ್ರಹವನ್ನು ತಲುಪುತ್ತದೆ – ಭೂಮಿಯ ನೂರನೇ ಒಂದು ಭಾಗ ಮಾತ್ರ. ಆದ್ದರಿಂದ ಶನಿಯ ವಾತಾವರಣದ ಉಷ್ಣತೆಯು ಶೂನ್ಯಕ್ಕಿಂತ ಸುಮಾರು 150° ಸೆಂಟಿಗ್ರೇಡ್ನಷ್ಟಿರುತ್ತದೆ. ಶನಿಯು ತುಂಬಾ ಶೀತ ಗ್ರಹವಾಗಿದೆ.
ಗುರುವಿನಂತೆಯೇ ಶನಿಯ ವಾತಾವರಣವೂ ಹೈಡ್ರೋಜನ್, ಹೀಲಿಯಂ, ಮೀಥೇನ್ ಮತ್ತು ಅಮೋನಿಯಾ ಅನಿಲಗಳಿಂದ ಕೂಡಿದೆ. ಶನಿಯ ಮೇಲ್ಮೈ ಬಗ್ಗೆ ನಮಗೆ ಯಾವುದೇ ಮಾಹಿತಿ ಇಲ್ಲ. ನಾವು ಅದರ ಪ್ರಕಾಶಮಾನವಾದ ಬಾಹ್ಯ ವಾತಾವರಣವನ್ನು ಮಾತ್ರ ನೋಡಬಹುದು.
ಶನಿಯು ತನ್ನ ಕೇಂದ್ರದಲ್ಲಿ ಘನವಾದ ಕೋರ್ ಅನ್ನು ಹೊಂದಿರಬೇಕು. ಆದರೆ ಚಂದ್ರ, ಮಂಗಳ ಅಥವಾ ಶುಕ್ರದಂತೆ ಶನಿಯ ಮೇಲ್ಮೈಯಲ್ಲಿ ಮನುಷ್ಯ ಇಳಿಯಲು ಸಾಧ್ಯವಾಗುವುದಿಲ್ಲ.
ಎರಡು ದಶಕಗಳ ಹಿಂದೆ, ಶನಿಯ ಹತ್ತು ಉಪಗ್ರಹಗಳನ್ನು ಕಂಡುಹಿಡಿಯಲಾಯಿತು. ಆದರೆ ಈಗ ಶನಿಯ ಉಪಗ್ರಹಗಳ ಸಂಖ್ಯೆ 17ಕ್ಕೆ ತಲುಪಿದೆ. ಭೂಮಿಯಿಂದ ಕಳುಹಿಸಲಾದ ಸ್ವಯಂಚಾಲಿತ ಬಾಹ್ಯಾಕಾಶ ನೌಕೆ ಪಯೋನೀರ್ ಮತ್ತು ವಾಯೇಜರ್ ಶನಿಗ್ರಹದ ಸಮೀಪ ತಲುಪಿತು ಮತ್ತು ಅವುಗಳ ಮೂಲಕ ಈ ಗ್ರಹದ ಏಳು ಹೊಸ ಉಪಗ್ರಹಗಳನ್ನು ಕಂಡುಹಿಡಿಯಲಾಯಿತು. ಶನಿಗೆ ಇನ್ನೂ ಕೆಲವು ಚಂದ್ರರು ಇರಬಹುದು.
ಶನಿಯ ಅತಿದೊಡ್ಡ ಉಪಗ್ರಹ ಟೈಟಾನ್ ಸೌರವ್ಯೂಹದ ಅತ್ಯಂತ ಪ್ರಮುಖ ಮತ್ತು ಆಸಕ್ತಿದಾಯಕ ಉಪಗ್ರಹವಾಗಿದೆ. ಟೈಟಾನ್ ನಮ್ಮ ಚಂದ್ರನಿಗಿಂತ ದೊಡ್ಡದಾಗಿದೆ. ಇದರ ವ್ಯಾಸ 5150 ಕಿಲೋಮೀಟರ್.
ಕೆಲವೇ ವರ್ಷಗಳ ಹಿಂದೆ, ಟೈಟಾನ್ ಅನ್ನು ಸೌರವ್ಯೂಹದ ಅತಿದೊಡ್ಡ ಉಪಗ್ರಹವೆಂದು ಪರಿಗಣಿಸಲಾಗಿತ್ತು, ಆದರೆ ವಾಯೇಜರ್ ಬಾಹ್ಯಾಕಾಶ ನೌಕೆಯ ತನಿಖೆಗಳು ಗುರುಗ್ರಹದ ಗ್ಯಾನಿಮೀಡ್ ಉಪಗ್ರಹವು ಸೌರವ್ಯೂಹದ ಅತಿದೊಡ್ಡ ಉಪಗ್ರಹವಾಗಿದೆ ಎಂದು ತಿಳಿದುಬಂದಿದೆ.
ಶನಿಯ ಮೇಲ್ಮೈಯಲ್ಲಿ ಬಾಹ್ಯಾಕಾಶ ನೌಕೆಯನ್ನು ಇಳಿಸಲು ಸಾಧ್ಯವಿಲ್ಲ, ಆದರೆ ಟೈಟಾನ್ ಮೇಲ್ಮೈಯಲ್ಲಿ ಬಾಹ್ಯಾಕಾಶ ನೌಕೆಯನ್ನು ಇಳಿಸಬಹುದು.
ಶನಿಯು ನಮ್ಮ ಸೌರವ್ಯೂಹದ ಅದ್ಭುತ ಮತ್ತು ಸುಂದರವಾದ ಗ್ರಹವಾಗಿದೆ. ಯಾವುದೇ ಗ್ರಹವನ್ನು ಶುಭ ಅಥವಾ ಅಶುಭವೆಂದು ಪರಿಗಣಿಸಲು ಯಾವುದೇ ಭೌತಿಕ ಕಾರಣವಿಲ್ಲ. ಶನಿಯು ನಮ್ಮ ಸೌರವ್ಯೂಹದ ಅತ್ಯಂತ ಸುಂದರವಾದ (shani sabse sundar graha) ಗ್ರಹವಾಗಿದೆ.
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conclusion
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