सर्वनाम का अर्थ,भेद,उदाहरण,अभ्यास प्रश्न -Sarvanam in hindi

इस सर्वनाम का अर्थ,भेद,उदाहरण,अभ्यास प्रश्न -Sarvanam in hindi ब्लॉग पोस्ट में हिंदी व्याकरण से संबंधित अति महत्वपूर्ण अंश Sarvanam के बारे में बहुत विस्तार से लिखा गया है।  यह जानकारी अध्यापक एवं छात्रों के लिए बहुत जरूरी है।

Sarvanam in hindi

जैसे की आपको पता है, विषय को ठीक से समझने के लिए सही जानकारी की जरूरत पढ़ती है। इसी को ध्यान में रखकर हमने इस लेख को लिखा है। अत : आप इस Sarvanam in hindi ब्लॉग पोस्ट को पढ़कर सम्पूर्ण रूप से सर्वनाम के बारे में जानकारी हासिल कर अपने सभी प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करेंगे। 

सर्वनाम की परिभाषा एवं उसके भेद :

Sarvanam in hindi
Sarvanam in hindi

सर्वनाम की परिभाषा :

”संज्ञा के स्थान पर आने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं।”

“सर्वनाम उस विकारी शब्द को कहते हैं, जो पूर्वपरसंबंध से किसी भी संज्ञा के बदले आता है।”

(पं॰ कामताप्रसाद गुरु)

सर्वनाम का अर्थ:

सर्वनाम का अर्थ है- सबका नाम। जो सबके नाम के स्थान पर आये, वे सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- मैं, तुम, आप, यह,
वह, हम, उसका, उसकी, वे, क्या, कुछ, कौन आदि।

वाक्य में संज्ञा की पुनरुक्ति को दूर करने के लिए ही सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है। सर्वनाम भाषा को सहज, सरल, सुंदर एवं संक्षिप्त बनाते हैं। सर्वनाम के अभाव में भाषा अटपटी लगती है।

उदाहरणार्थ –

गोपाल स्कूल गया है। स्कूल से आते ही गोपाल गोपाल का और मित्र का काम करेगा। फिर गोपाल और मित्र खेलेंगे। यह वाक्य कितना अटपटा, अनगढ़ और असुंदर है।

अब सर्वनाम से युक्त वाक्य देखिए-

गोपाल स्कूल गया है। वहाँ से आते ही वह अपने मित्र के घर जायेगा। फिर दोनों अपना–अपना काम करेंगे। फिर दोनों खेलेंगे।

हिंदी के मूल सर्वनाम :

हिंदी के मूल सर्वनामों की संकया 11 है, जो निम्न प्रकार हैं-

1 मैं
2 तू
3 आप
4 यह
5 वह
6 जो
7 सो
8 कौन
9 क्या
10 कोई
11 कुछ

 सर्वनाम के भेद :

सर्वनाम के निम्नलिखित छः भेद होते हैं –

  1. पुरुषवाचक – मैं (हम), तुम (तू, आप), वह (यह, आप)
  2. निश्चयवाचक – यह (निकटवर्ती), वह (दूरवर्ती)
  3. अनिश्चयवाचक – कोई (प्राणिवाचक), क्या (अप्राणिवाचक)
  4. संबंधवाचक – जो … सो (सह संबंधवाची)
  5. प्रश्नवाचक – कौन (प्राणिवाचक), क्या (अप्राणिवाचक)
  6. निजवाचक – आप (स्वयं, खुद)।

1. पुरुषवाचक सर्वनाम :

जिस सर्वनाम का प्रयोग वक्ता (बोलने वाला) या लेखक स्वयं अपने लिए अथवा श्रोता या पाठक के लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए करता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे- उसने, मुझे, तुम आदि।

पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं –

(1) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम-

जिन सर्वनामों का प्रयोग बोलने वाला या लिखने वाला अपने लिए करता है, उन्हें  उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, मेरा, हमारा, मुझको, मुझे, मैंने  आदि।

(2) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम-

जिस सर्वनाम का प्रयोग बोलने वाला या लिखने वाला, सुनने वाले या पढ़ने वाले के लिए करे, उसे मध्यम पुरुषवाचक
सर्वनाम कहते हैं।

जैसे- तू, तुम, आप, तुझको, तुम्हारा, तुमने आदि।

(3) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम-

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग बोलने वाला किसी अन्य व्यक्ति के लिए करे, उन्हें अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते
हैं।

जैसे- यह, वह, आप, वे, उसे, उसको, इसने, उसने, उन्होंने, उनका आदि।

2. निश्चयवाचक सर्वनाम :

जिन सर्वनाम शब्दों से किसी दूरवर्ती या निकटवर्ती व्यक्तियों, प्राणियों, वस्तुओं और  घटना–व्यापार का निश्चित बोध होता है, उन्हें  निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे- यह, वह, ये, वे, इन्होंने, उन्होंने आदि।

निकटवर्ती के लिए ‘यह’ तथा दूरवर्ती के लिए ‘वह’ का प्रयोग होता है।
इस सर्वनाम को ‘संकेतवाचक’ या ‘निर्देशक सर्वनाम’ भी कहते हैं ।

3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम :

जिन सर्वनामों से किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु या घटना का ज्ञान नहीं होता, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे-  कोई, कुछ, किसी आदि।

प्राणियों के लिए ‘कोई’ व ‘किसी’ तथा पदार्थों  के लिए ‘कुछ’ का प्रयोग किया जाता है।

जैसे-

  • रास्ते में कुछ खा लेना।
  • सम्भवतः कोई आया है।
  • वहाँ किसी से भी पूछ लेना।

4. संबंधवाचक सर्वनाम :

जो सर्वनाम शब्द किसी वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम का अन्य संज्ञा या सर्वनाम के साथ परस्पर संबंध का बोध कराते हैं, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे-

  • जो, जिनका, उसका आदि।
  • जो करता है, वह भरता है।
  • जिसका खाते हो उसी को आँख दिखाते हो।
  • जैसा करोगे वैसा भरोगे।
  • जिसकी लाठी उसकी भैँस।
  • जिसको आपने बुलाया था, वह आया है।

5. प्रश्नवाचक सर्वनाम :

वह सर्वनाम जिसका प्रयोग किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, क्रिया या व्यापार आदि के संबंध में प्रश्न करने के लिए किया जाता है, प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाता है।

जैसे- कौन, क्या, कब, क्यों, किसको, किसने आदि।

व्यक्ति या प्राणी के संबंध में प्रश्न करते समय ‘कौन, किसे, किसने’ का प्रयोग किया जाता है, जबकि वस्तु या क्रिया–व्यापार के संबंध में प्रश्न करते समय ‘क्या, कब’ आदि का प्रयोग किया जाता है।

जैसे-

  • देखो, कौन आया है?
  • यह आईना किसने तोड़ा?
  • आप खाने में क्या लेंगे?
  • बेंगलूरू कब जा रहे हो?

6. निजवाचक सर्वनाम :

वह सर्वनाम शब्द जिनका प्रयोग बोलने वाला या लिखने वाला स्वयं अपने लिए करता है, निजवाचक सर्वनाम कहलाता है।

जैसे-

  • आप, अपने आप, अपना, स्वयं, खुद आदि।
  • हमें अपना कार्य स्वयं करना चाहिए।
  • मैं अपना काम स्वयं कर लूँगा।
  • मैं स्वयं चला जाऊँगा।

सर्वनाम प्रयोग संबंधी सामान्य नियम :

Sarvanam in hindi
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(1) सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर होता है।
अतः किसी भी सर्वनाम शब्द का लिंग और वचन उस संज्ञा के अनुरूप रहेगा जिसके स्थान पर उसका प्रयोग हुआ है।

जैसे- राम और उसका बेटा आया था।

(2) सर्वनाम का प्रयोग एकवचन और बहुवचन दोनों में होता है।

जैसे- मैं (हम), वह (वे), यह (ये), इसका (इनका)।

(3) संबंध कारक के अतिरिक्त अन्य किसी कारक के कारण सर्वनाम शब्द का लिंग परिवर्तन नहीं होता।

जैसे-

  • मैं पढ़ता हूँ।
  • मैं पढ़ती हूँ।
  • वह आया।
  • वह आई।
  • तुम स्कूल जाते हो।
  • तुम स्कूल जाती हो।

(4) सर्वनाम से संबोधन कारक नहीं होता, क्योंकि किसी को सर्वनाम द्वारा पुकारा नहीं जाता।

(5) आदर के अर्थ में एक व्यक्ति के लिए भी अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम का प्रयोग बहुवचन में होता है।

जैसे- तुलसीदास महान कवि थे, उन्होंने हिंदी साहित्य को महान रचनाएँ प्रदान कीं।

(6) उत्तम पुरुष और मध्यम पुरुष सर्वनाम के बहुवचन का प्रयोग एक व्यक्ति के लिए भी होता है।

जैसे-

  • हम (मैं) आ रहे हैं।
  • आप (तू) अवश्य आना।
  • तुम (तू) जा सकते हो।

(7) ‘तू’ सर्वनाम का प्रयोग अत्यंत निकटता या आत्मीयता प्रकट करने के लिए, अपने से आयु व संबंध में छोटे व्यक्ति के लिए या कभी–कभी तिरस्कार प्रदर्शन करने के लिए एवं ईश्वर के लिए भी किया जाता है।

जैसे-

  • माँ! तू क्या कर रही है?
  • अरे नालायक! तू अब तक कहाँ था?
  • हे प्रभु! तू मेरी प्रार्थना कब सुनेगा?

(8) मुझ, तुझ, तुम, उस, इन आदि सर्वनामों में निश्चयार्थ के लिए ‘ई’ जोड़ देते हैं।

जैसे- उस (उसी), तुझ (तुझी), तुम (तुम्हीं), इन (इन्हीं)।

(9) मैं, तुम, आप, वह, यह, कौन आदि सर्वनामों का निज–भेद उनके क्रिया–रूपों से जाना जाता है।

जैसे-

  • वह पढ़ रहा है।
  • वह पढ़ रही है।

(10) पुरुषवाचक सर्वनामों के साथ ‘को’ लगने पर उनके रूप में अंतर आ जाता है।

जैसे-

  • मैं (को) मुझको या मुझे।
  • तू (को) तुझको या तुझे।
  • यह (को) इसको या इसे।
  • ये (को) इनको या इन्हें।
  • वह (को) उसको या उसे।
  • वे (को) उनको या उन्हें।

(11) अधिकार अथवा अभिमान प्रकट करने के लिए आजकल ‘मैं’ की बजाय ‘हम’ का प्रयोग चल पड़ा है, जो व्याकरण की दृष्टि से अशुद्ध है।

जैसे-

  • पिता के नाते हमारा भी कुछ कर्त्तव्य है।
  • शांत रहिए, अन्यथा हमें कड़ा रुख अपनाना पड़ेगा।

(12) जहाँ ‘मैं’ की जगह ‘हम’ का प्रयोग होने लगा है, वहाँ ‘हम’ के बहुवचन के रूप में ‘हम लोग’ या ‘हम सब’ का प्रयोग प्रचलित है।

(13) ‘तुम’ सर्वनाम के बहुवचन के रूप में ‘तुम सब’ का प्रचलन हो गया है।

जैसे-

  • रमेश! तुम यहाँ आओ।
  • अरे रमेश, सुरेश, दिनेश! तुम सब यहाँ आओ।

(14) ‘मैं’, ‘हम’ और ‘तुम’ के साथ ‘का’, ‘के’, ‘की’ की जगह ‘रा’, ‘रे’, ‘री’ प्रयुक्त होते हैं।

जैसे- मेरा, मेरी, मेरे, तुम्हारा, तुम्हारे, तुम्हारी, हमारा, हमारे, हमारी।

(15) सर्वनाम शब्दों के साथ विभक्ति चिह्न मिलाकर लिखे जाने चाहिए।

जैसे- मुझको, उसने, हमसे आदि।

(16) यदि सर्वनाम के बाद दो विभक्ति चिह्न आते हैं तो पहला मिलाकर तथा दूसरा अलग रखा जाना चाहिए।

जैसे- उनके लिए, उन पर से, हममें से, उनके द्वारा आदि।

Sarvanam in hindi अभ्यास के लिए वस्तुनिष्ट प्रश्न :

1. सर्वनामों की कुल संख्या है-

A. पाँच

B. सात 

C. नौ 

D. ग्यारह 

2. पुरूषवाचक सर्वनाम के इतने प्रकार होते हैं-

A. पाँच 

B. चार

C. तीन 

D. दो 

3. निम्नलिखित वाक्य में से सर्वनाम है-

A. घर 

B. मैं 

C. स्कूल

D. जाती हूँ 

4. इनमें से निश्चयवाचक सर्वनाम है- 

A. क्या 

B. कौन

C. कुछ

D. यह 

5. इनमें से सर्वनाम का भेद नहीं है-

A. प्रश्नवाचक सर्वनाम 

B. व्यक्तिवाचक सर्वनाम

C. निजवाचक सर्वनाम

D. निश्चयवाचक सर्वनाम 

6. यह मेरा घर है। यह वाक्य इस सर्वनाम का उदाहरण है-

A. संबंधवाचक सर्वनाम 

B. निश्चयवाचक सर्वनाम 

C. अनिश्चयवाचक सर्वनाम 

D. प्रश्नवाचक सर्वनाम 

7. इनमें से प्रश्नवाचक सर्वनाम नहीं है-

A. किसी ने 

B. किससे 

C. किसमें 

D. क्या 

8. ‘मुझे’ इस प्रकार का सर्वनाम है-

A. उत्तम पुरुष 

B. मध्यम पुरुष 

C. अन्य पुरुष 

D. इनमें से कोई नहीं 

9. इनमें निश्चयवाचक सर्वनाम है-

A. क्या 

B. कौन 

C. कुछ

D. यह 

10. निजवाचक सर्वनाम का प्रयोग इस वाक्य में हुआ है-

A. यह मेरी किताब है 

B. आज अपनापन कहाँ है 

C. अपनों से क्या छिपाना 

D. आप भला तो जग भला

निम्नलिखित वाक्यों में दिए गए सर्वनामों की पहचान कर उनके भेदों को मनन कीजिए:

  1. हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते ?
  2. यह मेरा छोटा भाई रमेश है। 
  3. मैं आप ही चला जाऊँगा।
  4. कौन खा रहा है ?
  5. मेरा एक कुत्ता है, जो मैसूरु से लाया गया है।
  6. जो कमायेगा, वही खाएगा।
  7. आप भला, तो जग भला। 
  8. कुछ खाकर ही बाहर नकालो।

कोष्टक में दिए गए सर्वनामों को चुनकर रिक्त स्थान पूर्ण कीजिए:

  1. …….. संवाददाता ने यह सूचना दी है।    ( हम/हमारे/आप)
  2. बस …….. ही मेरा सच्चा शिष्य हैं।    (तुम/तू/वे)
  3. ………… से यह मत कहना।    (कोई/किसी/कौन)
  4. ………… अपने काम पर लौट आया।    (मैं/हम/आप)
  5. ………… हो कि मेरा देश आजाद हैं।    (आप/तुम/सभी)

निम्नलिखित वाक्यों में सर्वनाम संबंधी अशुद्धियाँ हैं उनकी पहचान कीजए:

  1. वह लोग आ गए। 
  2. सुनिए, मैं तुम्हारा कृतज्ञ हूँ।
  3. यह सब पुस्तकें उठा ले जाओ।
  4. सोचते – सोचते उसे ध्यान में आया।
  5. तब उन्हें यह भी समझ मैं आ जाएगा।
  6. इस संबंध में मेरा मत मैं पहले ही प्रकट कर चुका हूँ।

Sarvanam in hindi Conclusion :

मुझे उम्मीद है कि इस Sarvanam in hindi लेख को पढ़कर आप सर्वनाम के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर चुके हैं। अत: आपसे में अनुरोध करता हूँ कि आप उपर्युक्त वस्तुनिष्ट प्रश्नों को सही से पढ़कर इसके उत्तरों को नीचे दिए गए Comments Box में जरूर लिखें। 

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