Mahatma gandhi notes इस लेख में छात्रों के लिए, पाठ से संबंधित सभी अभ्यास उत्तर, व्याकरण से संबंधित उत्तर तथा Summary को बहुत ही अच्छा लिखा गया है।
यह Mahatma gandhi notes आनेवाली परीक्षा एवं Notes लेखन के लिए बहुत ही अनिवार्य है। तो चलिए इस Post में इन प्रश्नों के Best उत्तरों को पढ़कर समझते हैं।
Mahatma gandhi notes:
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
1. सारे देश ने गाँधीजी को क्या माना ?
उत्तर : सारे देश ने गाँधीजी को राष्ट्रपिता माना ।
2. भारत किसके प्रयत्न से आज़ाद हुआ ?
उत्तर : भारत महात्मा गाँधी के प्रयत्न से आज़ाद हुआ ।
3. गाँधीजी किसकी मूर्ति थे ?
उत्तर : गाँधीजी त्याग और तपस्या की मूर्ति थे ।
4. गाँधीजी का स्वभाव कैसा था ?
उत्तर : गाँधीजी स्वभाव से शर्मीले थे ।
5. शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल क्यों आये ?
उत्तर : शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल में निरीक्षण के लिए आये थे ।
6. गाँधीजी के भाई ने कितने रूपये कर्ज़ लिये थे ?
उत्तर : गाँधीजी के भाई ने पच्चीस रूपये कर्ज़ लिये थे ।
7. गाँधीजी ने पिता से क्या माँगी ?
उत्तर. गाँधीजी ने पिता से अपनी गलती के लिए सज़ा माँगी ।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
1. गाँधीजी पर नाटकों का क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर : ‘श्रवण पितृभक्ति’ नाटक पढकर उन्होंने निश्चय किया कि मुझे भी – श्रवण कुमार जैसा बनना चाहिए । “हरिश्चन्द्र’ नाटक का प्रभाव उनकी सोच पर था कि संकट काल में भी व्यक्ति को सच्चाई का पालन करना चाहिए ।
2. गाँधीजी की सत्यप्रियता कहाँ से शुरू हुई ? कैसे ?
उत्तर : शिक्षा विभाग के अधिकारी ने पाँच शब्द लिखवाए । बालक मोहनदास ने ‘केटल’ शब्द के हिज्जे गलत लिखे थे । उनके अध्यापक ने इशारे से समझाया कि दूसरे लड़के के हिज्जे देखकर ठीक कर लो । किंतु गाँधीजी ने ऐसा नहीं किया । उनकी सत्य-प्रियता यहीं से शुरू हुई ।
3. पिता से गाँधीजी के माफी माँगने के प्रसंग का वर्णन कीजिए ?
उत्तर : गाँधीजी ने सोना चुराकर कर्ज़ चुकाया था । गाँधीजी को इस चोरी के काम से बहुत दुःख हुआ । उन्होंने निश्चय किया कि भविष्य में कभी चोरी नहीं करूँगा। पिता से माफी माँगने की बात सोची । पिता के सामने जाने की हिम्मत न हुई । सारी घटना को पत्र में लिखकर बालक गाँधी ने पिता से सजा माँगी । पत्र पढकर पिताजी के आँसू आ गए ।
III. Mahatma Gandhi notes-अनुरूप शब्द:
1. श्रवण : पितृभक्ति : : हरिश्चन्द्र: सत्य-प्रेम
2. माफी : क्षमा : : दंड : सज़ा
3. तिरंगा झंडा : राष्ट्रध्वज :: गांधीजी : राष्ट्रपिता
4. सच्चाई : सम्मान :: चोरी : दंड़
IV. Mahatma Gandhi notes-स्त्रीलिंग शब्द:
पुल्लिंग – स्त्रीलिंग
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पिता – माता
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बालक – बालिका
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पुरुष – स्त्री
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लड़का – लड़की
V. Mahatma Gandhi notes- बहुवचन शब्द:
एकवचन – बहुवचन
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मूर्ति – मूर्तियाँ
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इशारा – इशारे
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हिज्जा – हिज्जे
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गलती – गलतियाँ
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लड़का – लड़के
VI. Mahatma Gandhi notes-विलोम शब्द:
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आज़ाद x गुलाम
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धर्म x अधर्म
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सत्य x असत्य
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झूठ x सच
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दिन x रात
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गलत x सही
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विश्वास x अविश्वास
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शर्म x बेशर्म
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हिंसा x अहिंसा
VII. सही शब्द पहचानकर लिखिए :
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पुरुष = …….. (आदमी, आत्मा, काम, पालन)
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बुद्धू = ……..(बुद्धिमान, बालवान, निर्बल, मूर्ख)
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कर्ज़ = …….. (काम, कम, ऋण, ऋषि)
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सोना = …….. (चाँद, चाँदी, स्वर्ण, सवर्ण)
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आँसू = …….. (अश्रु, आँधी, आस, आरजू)
- Mahatma Gandhi notes – उत्तर :
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आदमी
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मूर्ख
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ऋण
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स्वर्ण
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अश्रु
VIII. प्रेरणार्थक शब्द लिखिए :
शब्द ➖ प्रथम प्रेरणार्थक ➖ द्वितीय प्रेरणार्थक
उदाहरण : चलना ➖ चलाना ➖ चलवाना
1. लिखना ➖ लिखाना ➖ लिखवाना
2. करना ➖ कराना ➖ करवाना
3. बनना ➖ बनाना ➖ बनवाना
4. चुकना ➖ चुकाना ➖ चुकवाना
IX. Mahatma Gandhi notes-सही वाक्य :
1. महान् पुरुष गांधी थे महात्मा ।
उत्तर : महात्मा गांधी महान् पुरुष थे।
2. वे नहीं कभी बोले झूठ ।
उत्तर : वे कभी झूठ नहीं बोले ।
3. गया माना बुद्धू को मोहन
उत्तर : मोहन को बुद्धू माना गया ।
4. सोची माँगने बात की से पिता माफी ।
उत्तर : पिता से माफी माँगने की बात सोची ।
X. Mahatma gandhi notes-अनुवाद :
1. वे त्याग और तपस्या की मूर्ति थे ।
उत्तर : ಅವರು ತ್ಯಾಗ ಮತ್ತು ತಪಸ್ಸಿನ ಮೂರ್ತಿಯಾಗಿದ್ದರು.
He was an idol of sacrifice and penance
2. बालक मोहनदास करमचन्द गांधी शर्मीले स्वभाव के थे।
उत्तर : ಬಾಲಕ ಮೋಹನ್ ದಾಸ್ ಕರಮಚಂದ ಗಾಂಧಿ ನಾಚಿಕೆ ಸ್ವಭಾವದವರಾಗಿದ್ದರು.
Child Mohandas Karamchand Gandhi was of shy nature
3. सच्चाई का पालन करना चाहिए।
उत्तर : ಸತ್ಯವನ್ನು ಪಾಲಿಸಬೇಕು.
Must follow the truth
4. गांधीजी के भाई ने पच्चीस रुपया कर्ज़ लिया था।
उत्तर : ಗಾಂಧೀಜಿಯವರ ಸಹೋದರ ಇಪ್ಪತ್ತೈದು ರೂಪಾಯಿ ಸಾಲ ತೆಗೆದುಕೊಂಡಿದ್ದರು.
Gandhiji’s brother took a loan of twenty five rupees.
5. गांधीजी ने हमेशा के लिए चोरी की आदत छोड़ दी।
उत्तर : ಗಾಂಧೀಜಿಯವರು ಶಾಶ್ವತವಾಗಿ ಕಳ್ಳತನದ ಹವ್ಯಾಸವನ್ನು ಬಿಟ್ಟರು.
Gandhi left the hobby of theft forever.
Mahatma gandhi lesson summary in hindi:
महात्मा गांधी महान् पुरुष थे। सारे देश ने उन्हें राष्ट्रपिता माना। उन्हींके प्रयत्न से भारत आज़ाद हुआ। वे त्याग और तपस्या की मूर्ति थे। धर्म उनके प्राण था और सत्य उनकी आत्मा।
बालक मोहनदास करमचन्द गांधी शर्मीले स्वभाव के थे। ठीक समय पर स्कूल जाते और घंटी बजते ही घर चलते। उन्हें काम से काम था। कभी उन्होंने किसी को नहीं सताया। कभी झूठ नहीं बोले।
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एक दिन की बात है। शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल के निरीक्षण के लिए आये। उन्होंने अंग्रेज़ी के पाँच शब्द लिखवाये। उनमें एक शब्द था केटल । बालक गांधी ने इसके हिज्जे गलत लिखे। अध्यापक ने इशारे से समझाया कि दूसरे लड़के के हिज्जे देखकर ठीक कर लो। किन्तु गांधी ने ऐसा नहीं किया। हिज्जे की गलती के कारण मोहन को बुद्ध माना गया। किन्तु उन्हें बुरा न लगा। उन्हें इस बात की खुशी थी कि उन्होंने चोरी का रास्ता नहीं अपनाया। उनकी सत्यप्रियता यहीं से शुरू हुई, जिसने उन्हें आगे महात्मा बनाया।
‘श्रवण पितृभक्ति’ नाटक पढ़कर उन्होंने निश्चय किया कि मुझे भी श्रवणकुमार जैसा बनना चाहिए। ‘हरिश्चन्द्र’ नाटक देखकर उन्होंने सोचा कि हर एक को हरिश्चन्द्र की तरह संकट सहकर भी सच्चाई का पालन करना चाहिए। उनका यह निश्चय दृढ़ हुआ। बचपन के उस सत्य-प्रेम ने ही आगे उन्हें सत्य-तपस्वी बनाया।
एक और घटना है। गांधीजी के भाई ने पच्चीस रुपया कर्ज़ लिया था। भाई के हाथ के सोने के कड़े से एक तोला सोना काटकर कर्ज़ चुकाया गया। गांधी को इस चोरी के काम से बहुत दुःख हुआ। उन्होंने निश्चय किया कि भविष्य में कभी चोरी नहीं करूँगा। पिता से माफी माँगने की बात सोची। पर पिता के सामने जाने की हिम्मत न हुई। सारी घटना पत्र में लिखकर गांधी ने पिता से सज़ा माँगी। पत्र पढ़कर पिता की आँखें भर आयीं। गांधीजी ने हमेशा के लिए चोरी की आदत छोड़ दी। पिता के आँसू देखकर गांधी को विश्वास हो गया कि ‘पिता ने मुझे क्षमा कर दिया है।’
अहिंसा, सत्य और धर्म के दृढ़ निश्चय ने गांधी को महात्मा बनाया।
Mahatma gandhi lesson summary in kannada:
ಮಹಾತ್ಮ ಗಾಂಧಿಯವರು ಒಬ್ಬ ಮಹಾನ್ ವ್ಯಕ್ತಿಯಾಗಿದ್ದರು. ಸಂಪೂರ್ಣ ದೇಶ ಅವರನ್ನು ರಾಷ್ಟ್ರಪಿತ ಎಂದು ಗೌರವಿಸಿತು. ಅವರ ಪ್ರಯತ್ನದಿಂದಲೇ ಭಾರತ ದೇಶ ಸ್ವತಂತ್ರವಾಯಿತು. ಅವರು ತ್ಯಾಗ ಮತ್ತು ತಪಸ್ಸಿನ ಪ್ರತೀಕವಾಗಿದ್ದರು. ಧರ್ಮ ಅವರ ಪ್ರಾಣವಾಗಿದ್ದರೆ, ಸತ್ಯ ಅವರ ಆತ್ಮವಾಗಿತ್ತು.
ಬಾಲಕ ಮೋಹನದಾಸ್ ಕರಮಚಂದ್ ಗಾಂಧಿಯವರು ಬಹಳ ನಾಚಿಕೆ ಸ್ವಭಾವದವರಾಗಿದ್ದರು. ಸರಿಯಾದ ಸಮಯಕ್ಕೆ ಶಾಲೆಗೆ ಹೋಗುತ್ತಿದ್ದರು ಮತ್ತು ಗಂಟೆ ಬಾರಿಸುತ್ತಿದ್ದ ಕೂಡಲೇ ಮನೆಗೆ ಬರುತ್ತಿದ್ದರು. ಅವರಿಗೆ ಕೆಲಸದಲ್ಲಿ ಮಾತ್ರ ಆಸಕ್ತಿ ಇತ್ತು. ಅವರು ಯಾವಾಗಲೂ ಸತ್ಯವನ್ನು ಹೇಳುತ್ತಿದ್ದರು ಮತ್ತು ಯಾರಿಗೂ ತೊಂದರೆ ಕೊಡುತ್ತಿರಲಿಲ್ಲ.
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ಒಂದು ದಿನ ಶಿಕ್ಷಣ ಇಲಾಖೆಯ ಅಧಿಕಾರಿಗಳು ಶಾಲೆಯನ್ನು ಪರಿಶೀಲಿಸಲು ಬಂದರು. ಅವರು ಐದು ಇಂಗ್ಲಿಷ್ ಪದಗಳನ್ನು ಬರೆಯಲು ಹೇಳಿದರು. ಅದರಲ್ಲಿ ಒಂದು ಪದ ‘ಕೆಟಲ್’. ಬಾಲಕ ಗಾಂಧಿಯವರು ಅದನ್ನು ತಪ್ಪಾಗಿ ಬರೆದರು. ಆದರೆ ಅವರು ಇತರರನ್ನು ನೋಡಿ ಬರೆಯಲು ಬಯಸಲಿಲ್ಲ. ಅವರ ಪ್ರಾಮಾಣಿಕತೆಯಿಂದಾಗಿ ಅವರು ಶಿಕ್ಷೆಗೊಳಗಾದರು. ಆದರೆ ಅವರಿಗೆ ದುಃಖವಾಗಲಿಲ್ಲ. ಏಕೆಂದರೆ ಅವರು ಸುಳ್ಳು ಹೇಳಿರಲಿಲ್ಲ. ಇದೇ ಕಾರಣದಿಂದ ಅವರು ಮಹಾತ್ಮರಾದರು.
‘ಶ್ರವಣ ಪಿತೃಭಕ್ತಿ’ ನಾಟಕವನ್ನು ಓದಿದ ನಂತರ ಅವರು ಶ್ರವಣಕುಮಾರನಂತೆ ಆಗಬೇಕೆಂದು ನಿರ್ಧರಿಸಿದರು. ‘ಹರಿಶ್ಚಂದ್ರ’ ನಾಟಕವನ್ನು ನೋಡಿದ ನಂತರ ಅವರು ಹರಿಶ್ಚಂದ್ರನಂತೆ ಸತ್ಯವನ್ನು ಹೇಳಬೇಕೆಂದು ನಿರ್ಧರಿಸಿದರು. ಅವರ ಬಾಲ್ಯದ ಈ ಸತ್ಯ ಪ್ರೇಮವೇ ಅವರನ್ನು ಮಹಾತ್ಮರನ್ನಾಗಿ ಮಾಡಿತು.
ಇನ್ನೊಂದು ಘಟನೆಯಲ್ಲಿ, ಗಾಂಧಿಯವರ ಸಹೋದರರು ಇಪ್ಪತ್ತೈದು ರೂಪಾಯಿ ಸಾಲ ಮಾಡಿದ್ದರು. ಆ ಸಾಲವನ್ನು ತೀರಿಸಲು ಅವರು ತಮ್ಮ ಚಿನ್ನದ ಬಳೆ ಕತ್ತರಿಸಿದರು. ಗಾಂಧಿಯವರಿಗೆ ಈ ಕೆಲಸದಿಂದ ಬಹಳ ದುಃಖವಾಯಿತು. ಅವರು ಮುಂದೆ ಎಂದಿಗೂ ಕಳ್ಳತನ ಮಾಡುವುದಿಲ್ಲ ಎಂದು ನಿರ್ಧರಿಸಿದರು. ತಂದೆಯಿಂದ ಕ್ಷಮೆ ಕೇಳಬೇಕೆಂದು ಅವರು ಬಯಸಿದರು ಆದರೆ ಹೋಗಲು ಹಿಂಜರಿದರು. ಅವರು ತಮ್ಮ ತಂದೆಗೆ ಒಂದು ಪತ್ರ ಬರೆದು ತಪ್ಪನ್ನು ಒಪ್ಪಿಕೊಂಡರು. ಪತ್ರ ಓದಿ ಗಾಂಧಿಯವರ ತಂದೆ ಕಣ್ಣೀರು ಹಾಕಿದರು. ಗಾಂಧಿಯವರು ಕಳ್ಳತನ ಮಾಡುವ ಅಭ್ಯಾಸವನ್ನು ಶಾಶ್ವತವಾಗಿ ಬಿಟ್ಟರು. ತಂದೆಯ ಕಣ್ಣೀರು ನೋಡಿ ಗಾಂಧಿಯವರಿಗೆ ತಂದೆ ತನ್ನನ್ನು ಕ್ಷಮಿಸಿದ್ದಾರೆ ಎಂದು ತಿಳಿಯಿತು.
ಅಹಿಂಸೆ, ಸತ್ಯ ಮತ್ತು ಧರ್ಮದ ಬಗ್ಗೆ ಗಾಂಧಿಯವರ ದೃಢ ನಿರ್ಧಾರ ಅವರನ್ನು ಮಹಾತ್ಮರನ್ನಾಗಿ ಮಾಡಿತು.
Mahatma gandhi lesson summary in english:
Mahatma Gandhi: The Father of the Nation
Mahatma Gandhi was a great man. The entire nation revered him as the Father of the Nation. It was due to his efforts that India gained independence. He was the epitome of sacrifice and penance. Religion was his life and truth was his soul.
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As a child, Mohandas Karamchand Gandhi was shy. He would go to school on time and return home as soon as the bell rang. He was very diligent. He never bullied anyone and never lied.
Once, education department officials came to inspect the school. They asked the students to write five English words. One of the words was ‘kettle’. Young Gandhi spelled it incorrectly. The teacher hinted at him to copy from another student, but Gandhi refused. Due to this spelling mistake, Mohan was considered foolish. But he was not upset. He was happy that he had not resorted to cheating. It was from this incident that his love for truth began, which later made him a Mahatma.
After reading the play ‘Shravan Pitribhakti’, he decided that he too should become like Shravan Kumar. After watching the play ‘Harishchandra’, he thought that everyone should follow the path of truth like Harishchandra even in difficult times. His determination became firm. That love for truth in his childhood made him a true ascetic.
There is another incident. Gandhiji’s brother had borrowed twenty-five rupees. To repay the debt, a tola of gold was cut from his brother’s gold bracelet. Gandhi was deeply saddened by this act of theft. He decided that he would never steal in the future. He thought of apologizing to his father but did not have the courage to face him. He wrote a letter to his father describing the entire incident and asked for punishment. After reading the letter, his father’s eyes filled with tears. Gandhiji gave up the habit of stealing forever. Seeing his father’s tears, Gandhi was convinced that ‘his father had forgiven him’.
A firm belief in non-violence, truth, and religion made Gandhi a Mahatma.
Mahatma gandhi notes conclusion:
मुझे विश्वास है कि यह Mahatma gandhi notes से संबंधित post आपके लिए बहुत ही उपयोगी रहा है। आप अपनी संतुष्टि या सुझाव को नीचे Scroll कर Comment box में जरूर लिखें।
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FAQs, बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. सारे देश ने गाँधीजी को क्या माना ?
उत्तर : सारे देश ने गाँधीजी को राष्ट्रपिता माना ।
2. भारत किसके प्रयत्न से आज़ाद हुआ ?
उत्तर : भारत महात्मा गाँधी के प्रयत्न से आज़ाद हुआ ।
3. गाँधीजी किसकी मूर्ति थे ?
उत्तर : गाँधीजी त्याग और तपस्या की मूर्ति थे ।
4. गाँधीजी का स्वभाव कैसा था ?
उत्तर : गाँधीजी स्वभाव से शर्मीले थे ।
5. शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल क्यों आये ?
उत्तर : शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल में निरीक्षण के लिए आये थे ।
6. गाँधीजी के भाई ने कितने रूपये कर्ज़ लिये थे ?
उत्तर : गाँधीजी के भाई ने पच्चीस रूपये कर्ज़ लिये थे ।
7. गाँधीजी ने पिता से क्या माँगी ?
उत्तर. गाँधीजी ने पिता से अपनी गलती के लिए सज़ा माँगी ।
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