इस पोस्ट में 11th class से संबंधित Ninda ras Hindi lesson notes को बहुत ही बढ़िया तरीके से लिखा गया है। इसमें मुख्य तौर पर हरिशंकर परसाई जी का लेखक परिचय, पाठ में आए हुए कठिन शब्दों का सरल अर्थ, पाठ से संबंधित सभी अभ्यास एवं व्याकरण प्रश्नों का उत्तर एवं पाठ के सारांश को तीन भाषाओं (हिंदी, कन्नड़ तथा अंग्रेजी) में बेहतरीन तरीके से लिखा गया है।
यह Ninda ras Hindi lesson notes, 11th class तथा 12th class के छात्रों के लिए very important है। तो चलिए इस नोट्स का पढ़ना शुरू करते हैं।
Ninda ras Hindi lesson notes :
Ninda ras Hindi lesson लेखक परिचय :
लेखक का नाम | हरिशंकर परसाई |
जन्म | 22 अगस्त 1924 |
जन्म स्थान | जमानी, होशंगाबाद (म. प्र) |
शिक्षा | एम. ए. (हिंदी) |
सेवा | अध्यापन कार्य, पत्रिकाओं का लेखन |
रचनाएं | हँसते हैं, रोते हैं, जैसे उनके दिन फिरे, रानी नागफनी की कहानी, तट की खोज, तब की बात और थी, भूत के पाँव पीछे, बेईमानी की परत, पगडंडियों का जमाना, सदाचार का तावीज, शिकायत मुझे भी है, और अंत में, |
निधन | 10 अगस्त 1995 |
Ninda ras Hindi lesson कठिन शब्दार्थ :
निमग्र | लीन |
साइक्लोन | आँधी |
उद्गम | प्रारंभ |
निकृष्ट | नीच |
मिशनरी | लगन |
बहुजन हिताय | अधिक लोगों की भालाई |
जकड़ | भुजायों की पकड़ |
नागफनी | कंटीला पौधा |
धराशाई करना | पराजित करना |
ट्रेड यूनियन | श्रमिक संघटन |
Ninda ras question answers :
I. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए:
1. धृतराष्ट्र की भुजाओं में कौनसा पुतला जकड़ गया था ?
उत्तर : धृतराष्ट्र की भुजाओं में भीम का पुतला जकड़ गया था ।
2. पिछली रात ‘क’ ‘ग’ के साथ बैठकर क्या करता रहा ?
उत्तर : पिछली रात ‘क’ ‘ग’ के साथ बैठकर निन्दा करता रहा ।
3. कुछ लोग आदतन क्या बोलते हैं?
उत्तर : कुछ लोग आदतन झूठ बोलते हैं ।
4. लेखक के मित्र के पास दोषों का क्या है?
उत्तर : लेखक के मित्र के पास दोषों का कैटलॉग है ।
5. लेखक के मन में किसके प्रति मैल नहीं रहा?
उत्तर : लेखक के मन में अपने निंदक मित्रों के प्रति मैल नहीं रहा ।
6. निंदकों की जैसी एकाग्रता किनमें दुर्लभ है?
उत्तर : निन्दकों की जैसी एकाग्रता ईश्वर-भक्तों में दुर्लभ है ।
7. मिशनरी निंदक चौबीसों घंटे निन्दा करने में किस भाव से लगे रहते हैं?
उत्तर : मिशनरी निंदक चौबीसों घंटे निन्दा करने में पवित्र भाव से लगे रहते हैं ।
8. निन्दा, निन्दा करनेवालों के लिए क्या होती है?
उत्तर : निन्दा, निन्दा करनेवालों के लिए टॉनिक होती है ।
9. निन्दा का उद्गम किससे होता है?
उत्तर : निन्दा का उद्गम हीनता और कमजोरी से होता है ।
10. कौन बड़ा ईर्ष्यालु माना जाता है?
उत्तर : ‘इंद्र’ बड़ा ईर्ष्यालु माना जाता है ।
II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
1. धृतराष्ट्र का उल्लेख लेखक ने क्यों किया है?
उत्तर : धृतराष्ट्र का उल्लेख लेखक ने इसलिए किया है क्योंकि वह अंधेपन और छल का प्रतीक है। लेखक यह दिखाना चाहता है कि जब कोई व्यक्ति छल से आलिंगन करता है तो हमें सतर्क रहना चाहिए।
2. निन्दा की महिमा का वर्णन कीजिए।
उत्तर : निन्दा की महिमा का वर्णन करते हुए लेखक कहता है कि निंदा दो लोगों को एकजुट कर सकती है। यह एक तरह का सामाजिक बंधन है। निंदा करते समय लोग एक-दूसरे के करीब आते हैं।
3. ‘मिशनरी’ निन्दक से लेखक का क्या तात्पर्य है?
उत्तर : ‘मिशनरी’ निन्दक से लेखक का तात्पर्य उन लोगों से है जो बिना किसी व्यक्तिगत द्वेष के निंदा करते हैं। वे निंदा को एक धर्म या कर्तव्य मानते हैं।
4. निन्दकों के संघ के बारे में लिखिए।
उत्तर : निंदकों के संघ उन लोगों का समूह होता है जो मिलकर दूसरों की निंदा करते हैं। वे एक-दूसरे को निंदा करने के लिए सूचनाएं देते हैं और फिर मिलकर उस व्यक्ति की निंदा करते हैं।
5. ईर्ष्या-द्वेष से प्रेरित निन्दकों की कैसी दशा होती है?
उत्तर : ईर्ष्या-द्वेष से प्रेरित निंदक बहुत दुखी रहते हैं। वे दूसरों की सफलता को बर्दाश्त नहीं कर पाते और निंदा करके अपनी हीन भावना को कम करने की कोशिश करते हैं।
6. निन्दा को पूँजी बनानेवालों के बारे में लेखक ने क्या कहा है?
उत्तर : निंदा को पूँजी बनाने वाले लोग दूसरों की निंदा करके अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाते हैं। वे दूसरों की बुराई करके लोगों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।
7. ‘निन्दा रस’ निबंध का आशय अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : ‘निन्दा रस’ निबंध का आशय यह है कि निंदा एक बुरी आदत है। यह लोगों के रिश्तों को खराब करती है और समाज में नकारात्मक माहौल पैदा करती है। लेखक ने निंदा के विभिन्न रूपों और कारणों का वर्णन करके पाठकों को इस बुराई से दूर रहने के लिए प्रेरित किया है।
III. ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए :
1. आ बेटा, तुझे कलेजे से लगा लूँ।
संदर्भ : यह वाक्य धृतराष्ट्र और भीम के पौराणिक प्रसंग का संदर्भ दे रहा है। लेखक इस वाक्य के माध्यम से अपने मित्र ‘क’ की उस प्रवृत्ति को उजागर करना चाहता है, जब वह छलपूर्वक किसी व्यक्ति को अपना करीबी बताता है, जबकि उसके मन में उसके लिए कोई सच्चा स्नेह नहीं होता।
2. अभी सुबह की गाड़ी से उतरा और एकदम तुमसे मिलने चला आया।
संदर्भ : इस वाक्य के माध्यम से लेखक अपने मित्र ‘क’ के झूठ बोलने की प्रवृत्ति को दर्शा रहा है। ‘क’ कहता है कि वह अभी-अभी आया है जबकि वह पिछली रात से ही आया हुआ है। यह वाक्य उन लोगों के बारे में बता रहा है जो बिना किसी कारण के झूठ बोलते हैं।
3. कुछ लोग बड़े निर्दोष मिथ्यावादी होते हैं।
संदर्भ : यह वाक्य उन लोगों के बारे में बता रहा है जो बिना किसी इरादे के झूठ बोलते हैं। उनके लिए झूठ बोलना एक आदत सी हो जाती है। लेखक अपने मित्र ‘क’ को इसी श्रेणी में रखता है।
4. निन्दा का उद्गम ही हीनता और कमजोरी से होता है।
संदर्भ : यह वाक्य निंदा के मूल कारण को बताता है। लेखक का मानना है कि लोग अक्सर अपनी कमजोरियों को छिपाने और दूसरों से बेहतर साबित करने के लिए निंदा करते हैं।
5. ज्यों-ज्यों कर्म क्षीण होता जाता है त्यों-त्यों निन्दा की प्रवृत्ति बढ़ती जाती है।
संदर्भ : यह वाक्य बताता है कि जो लोग कर्म करते हैं और व्यस्त रहते हैं, उनमें निंदा की प्रवृत्ति कम होती है। लेकिन जो लोग आलसी होते हैं और कुछ नहीं करते, वे दूसरों की निंदा करने में अपना समय बर्बाद करते हैं।
IV. कोष्ठक में दिए गये उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिए :
(ईर्ष्या-द्वेष, भेद-नाशक, पूँजी, पुतला, तूफान)
1. सुबह चाय पीकर अखबार देख रहा था कि वे तूफान की तरह कमरे में घुसे।
2. छल का धृतराष्ट्र जब आलिंगन करे, तो पुतला ही आगे बढ़ाना चाहिए।
3. निंदा का ऐसा ही भेद-नाशक अँधेरा होता है।
4. ईर्ष्या-द्वेष से प्रेरित निंदा भी होती है।
5. निंदा कुछ लोगों की पूँजी होती है।
V. वाक्य शुद्ध कीजिए :
1. ऐसी मौके पर हम अक्सर अपने पुतले को अंकवार में दे देते हैं।
शुद्ध वाक्य : ऐसे मौके पर हम अक्सर अपने पुतले को अंकवार में दे देते हैं।
2. पर वह मेरी दोस्त अभिनय में पूरा है।
शुद्ध वाक्य : पर वह मेरा दोस्त अभिनय में पूरा है ।
3. निन्दा का ऐसी ही महिमा है।
शुद्ध वाक्य : निन्दा की ऐसी ही महिमा है ।
4. आपके बारे में मुझसे कोई भी बुरी नहीं कहता।
शुद्ध वाक्य : आपके बारे में मुझसे कोई भी बुरा नहीं कहता ।
5. सूरदास ने इसलिए ‘निन्दा सबद रसाल’ कही है।
शुद्ध वाक्य : सूरदास इसलिए ने ही ‘निन्दा सबद रसाल’ कहा है ।
VI. अन्य लिंग रूप लिखिए :
मजदूर | मजदूरीन |
बेटा | बेटी |
पति | पत्नी |
स्त्री | पुरुष |
VII. अन्य वचन रूप लिखिए :
भुजा | भुजाएँ |
कथा | कथाएँ |
दुश्मन | दुश्मन |
घंटा | घंटे |
कमरा | कमरे |
कविता | कविताएँ |
लकीर | लकीरें |
‘निंदा रस” पाठ का सारांश :
हरिशंकर परसाई की रचना “निन्दा रस” में लेखक ने मानव स्वभाव के एक गंभीर दोष – निंदा – पर व्यंग्य किया है। इस निबंध में उन्होंने बताया है कि कैसे लोग ईर्ष्या, अहंकार या फिर सिर्फ मनोरंजन के लिए दूसरों की निंदा करते हैं।
लेखक ने कई उदाहरणों के माध्यम से दिखाया है कि निंदा कैसे लोगों के रिश्तों को खराब करती है और समाज में नकारात्मक माहौल पैदा करती है। उन्होंने यह भी बताया है कि निंदा के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि अपनी हीन भावना छिपाना, दूसरों को नीचा दिखाना या फिर बस समय बिताने का एक तरीका।
परसाई ने अपने व्यंग्यपूर्ण अंदाज में निंदकों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन किया है। जैसे कि कुछ लोग दूसरों की निंदा करके अपना मनोरंजन करते हैं, तो कुछ लोग इसे एक धर्म मानकर करते हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि निंदा कैसे लोगों की पूँजी बन जाती है और कई लोग दूसरों की बुराई करके अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाते हैं।
अंत में, लेखक ने निष्कर्ष निकाला है कि निंदा एक बुरी आदत है और इससे बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि निंदा करने वाले लोग अपनी हीन भावना और कमजोरी को छिपाने की कोशिश करते हैं।
” निंदा रस की व्याख्या ”
संक्षेप में, “निन्दा रस” एक ऐसा निबंध है जो हमें हमारे अपने व्यवहार पर गौर करने के लिए मजबूर करता है। यह हमें सिखाता है कि दूसरों की बुराई करने के बजाय हमें उनके अच्छे गुणों को देखना चाहिए और उनके साथ सद्भाव बनाए रखना चाहिए।
Ninda ras Hindi lesson summary in Kannada :
“ನಿಂದಾ ರಸ” ಎಂಬ ಹರಿಶಂಕರ್ ಪರಸೈ ಅವರ ರಚನೆಯು ಮಾನವ ಸ್ವಭಾವದ ಒಂದು ಗಂಭೀರ ದೋಷವಾದ ನಿಂದನೆಯ ಮೇಲೆ ವ್ಯಂಗ್ಯಚಿತ್ರವನ್ನು ಬಿಡಿಸುತ್ತದೆ. ಈ ನಿಬಂಧದಲ್ಲಿ, ಲೇಖಕರು ಇತರರನ್ನು ಅಸೂಯೆ, ಅಹಂಕಾರ ಅಥವಾ ಕೇವಲ ಮನರಂಜನೆಗಾಗಿ ಹೇಗೆ ನಿಂದಿಸುತ್ತಾರೆ ಎಂಬುದನ್ನು ವಿವರಿಸಿದ್ದಾರೆ.
ಲೇಖಕರು ಅನೇಕ ಉದಾಹರಣೆಗಳ ಮೂಲಕ ನಿಂದನೆ ಹೇಗೆ ಜನರ ಸಂಬಂಧಗಳನ್ನು ಹಾಳು ಮಾಡುತ್ತದೆ ಮತ್ತು ಸಮಾಜದಲ್ಲಿ ನಕಾರಾತ್ಮಕ ವಾತಾವರಣವನ್ನು ಸೃಷ್ಟಿಸುತ್ತದೆ ಎಂಬುದನ್ನು ತೋರಿಸಿದ್ದಾರೆ. ಅವರು ನಿಂದನೆಯ ಹಿಂದೆ ಅನೇಕ ಕಾರಣಗಳು ಇರಬಹುದು ಎಂದು ಹೇಳಿದ್ದಾರೆ, ಉದಾಹರಣೆಗೆ ತಮ್ಮ ಕೀಳರಿಮೆಯನ್ನು ಮರೆಮಾಚುವುದು, ಇತರರನ್ನು ಕೀಳಾಗಿ ತೋರಿಸುವುದು ಅಥವಾ ಕೇವಲ ಸಮಯವನ್ನು ಕಳೆಯುವ ಒಂದು ವಿಧಾನ.
ಪರಸೈ ಅವರು ತಮ್ಮ ವ್ಯಂಗ್ಯಾತ್ಮಕ ಶೈಲಿಯಲ್ಲಿ ವಿವಿಧ ರೀತಿಯ ನಿಂದಕರನ್ನು ವಿವರಿಸಿದ್ದಾರೆ. ಉದಾಹರಣೆಗೆ, ಕೆಲವರು ಇತರರನ್ನು ನಿಂದಿಸುವ ಮೂಲಕ ತಮ್ಮನ್ನು ಮನರಂಜಿಸಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಾರೆ, ಆದರೆ ಕೆಲವರು ಇದನ್ನು ಒಂದು ಧರ್ಮವೆಂದು ಪರಿಗಣಿಸುತ್ತಾರೆ. ಅವರು ನಿಂದನೆ ಹೇಗೆ ಜನರ ಬಂಡವಾಳವಾಗುತ್ತದೆ ಮತ್ತು ಅನೇಕ ಜನರು ಇತರರನ್ನು ಕೆಟ್ಟದಾಗಿ ಹೇಳುವ ಮೂಲಕ ತಮ್ಮ ಪ್ರತಿಷ್ಠೆಯನ್ನು ಹೆಚ್ಚಿಸುತ್ತಾರೆ ಎಂಬುದನ್ನು ಅವರು ಹೇಳಿದ್ದಾರೆ.
ಅಂತಿಮವಾಗಿ, ಲೇಖಕರು ನಿಂದನೆ ಒಂದು ಕೆಟ್ಟ ಅಭ್ಯಾಸ ಮತ್ತು ಇದನ್ನು ತಪ್ಪಿಸಬೇಕು ಎಂದು ತೀರ್ಮಾನಿಸಿದ್ದಾರೆ. ಅವರು ನಿಂದಿಸುವ ಜನರು ತಮ್ಮ ಕೀಳರಿಮೆ ಮತ್ತು ದೌರ್ಬಲ್ಯವನ್ನು ಮರೆಮಾಚಲು ಪ್ರಯತ್ನಿಸುತ್ತಾರೆ ಎಂದು ಹೇಳಿದ್ದಾರೆ.
ಸಂಕ್ಷಿಪ್ತವಾಗಿ, “ನಿಂದಾ ರಸ” ಎಂಬುದು ನಮ್ಮ ಸ್ವಂತ ನಡವಳಿಕೆಯ ಬಗ್ಗೆ ಯೋಚಿಸುವಂತೆ ಮಾಡುವ ಒಂದು ನಿಬಂಧವಾಗಿದೆ. ಇದು ಇತರರನ್ನು ಕೆಟ್ಟದಾಗಿ ಹೇಳುವ ಬದಲು ಅವರ ಒಳ್ಳೆಯ ಗುಣಗಳನ್ನು ನೋಡಬೇಕು ಮತ್ತು ಅವರೊಂದಿಗೆ ಸೌಹಾರ್ದತೆಯನ್ನು ಕಾಪಾಡಿಕೊಳ್ಳಬೇಕು ಎಂದು ನಮಗೆ ಕಲಿಸುತ್ತದೆ.
Ninda ras Hindi lesson summary in English :
Ninda ras notes class 11 english :
The essay “Ninda Rasa” by Harishankar Parsai satirizes a serious flaw in human nature: backbiting. In this essay, the author explains how people backbite others out of envy, ego, or simply for entertainment.
Through numerous examples, the author shows how backbiting ruins people’s relationships and creates a negative atmosphere in society. He has stated that there can be many reasons behind backbiting, such as hiding one’s inferiority, belittling others, or simply a way to pass time.
Parsai, in his satirical style, has described various types of backbiters. For example, some people entertain themselves by backbiting others, while others consider it a religion. He has also stated how backbiting becomes people’s capital and many people increase their prestige by speaking ill of others.
Finally, the author concludes that backbiting is a bad habit and should be avoided. He said that people who backbite try to hide their inferiority and weakness.
In short, “Ninda Rasa” is an essay that makes us think about our own behavior. It teaches us to look at the good qualities of others instead of speaking ill of them and to maintain harmony with them.
Ninda ras Hindi lesson notes conclusion :
अबतक आपने इस 11th class Ninda ras Hindi lesson notes को बढ़े धान से पढ़ा है। इस नोट्स में आपके लिए लेखक का परिचय, कठिन शब्दों का अर्थ, सभी प्रश्नों के उत्तर तथा हिंदी, कन्नड़ एवं अंग्रेजी भाषाओं में पाठ का सारांश very important है।
मुझे आशा है कि आपको 11th class ras से संबंधित Hindi lesson notes बहुत पसंद आया होगा। अत : इस पोस्ट से संबंधित अगर आप कुछ कहना या पूछना चाहते हैं, तो जरूर कमेंट्स बाक्स में लिखकर अपने विचार साझा कीजिए।
FAQs बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न :
1. धृतराष्ट्र की भुजाओं में कौनसा पुतला जकड़ गया था ?
उत्तर : धृतराष्ट्र की भुजाओं में भीम का पुतला जकड़ गया था ।
2. पिछली रात ‘क’ ‘ग’ के साथ बैठकर क्या करता रहा ?
उत्तर : पिछली रात ‘क’ ‘ग’ के साथ बैठकर निन्दा करता रहा ।
3. कुछ लोग आदतन क्या बोलते हैं?
उत्तर : कुछ लोग आदतन झूठ बोलते हैं ।
4. लेखक के मित्र के पास दोषों का क्या है?
उत्तर : लेखक के मित्र के पास दोषों का कैटलॉग है ।
5. लेखक के मन में किसके प्रति मैल नहीं रहा?
उत्तर : लेखक के मन में अपने निंदक मित्रों के प्रति मैल नहीं रहा ।
6. निंदकों की जैसी एकाग्रता किनमें दुर्लभ है?
उत्तर : निन्दकों की जैसी एकाग्रता ईश्वर-भक्तों में दुर्लभ है ।
7. मिशनरी निंदक चौबीसों घंटे निन्दा करने में किस भाव से लगे रहते हैं?
उत्तर : मिशनरी निंदक चौबीसों घंटे निन्दा करने में पवित्र भाव से लगे रहते हैं ।
8. निन्दा, निन्दा करनेवालों के लिए क्या होती है?
उत्तर : निन्दा, निन्दा करनेवालों के लिए टॉनिक होती है ।
9. निन्दा का उद्गम किससे होता है?
उत्तर : निन्दा का उद्गम हीनता और कमजोरी से होता है ।
10. कौन बड़ा ईर्ष्यालु माना जाता है?
उत्तर : ‘इंद्र’ बड़ा ईर्ष्यालु माना जाता है ।
Ninda ras Hindi lesson अतिरिक्त जानकारी :
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