Bade ghar ki beti question answer/11th hindi/very important इस लेख में कर्नाटक PUC 1st Year हिंदी विषय से संबंधित ‘बड़े घर की बेटी’ पाठ से संबंधित संपूर्ण Notes को लिखा गया है।
यह Bade ghar ki beti question answer से संबंधित नोट्स छात्रों के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमने इस लेख में संपूर्ण पाठ के सभी उत्तरों को बहुत ही बढ़िया तरीके से लिखा है। इतना ही नहीं प्रत्येक वाक्य की जाँच तक की है। इस नोट्स को पढ़कर छात्र परीक्षा में इस पाठ संबंधित सभी प्रश्नों के उत्तर को बडी आसानी से लिख पाएंगे।
Bade ghar ki beti question answer
I. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए :
1. ठाकुर साहब के कितने बेटे थे?
उत्तर : ठाकुर साहब के दो बेटे थे।
2. बेनीमाधव सिंह अपनी आधी से अधिक संपत्ति किसे भेंट के रुप में दे चुके थे?
उत्तर : बेनीमाधव सिंह अपनी आधी से अधिक संपत्ति वकीलों को भेंट कर चुके थे।
3. ठाकुर साहब के बड़े बेटे का नाम क्या था?
उत्तर : ठाकुर साहब के बड़े बेटे का नाम श्रीकंठ सिंह था।
4. श्रीकंठ कब घर आया करते थे?
उत्तर. श्रीकंठ शनिवार को घर आया करते थे।
5. आनंदी के पिता का नाम लिखिए ।
उत्तर. आनंदी के पिता का नाम था भूपसिंह।
6. थाली उठाकर किसने पलट दी?
उत्तर. लालबिहारी ने थाली उठाकर पलट दी।
7. गौरीपुर गाँव के जमीनदार कौन थे?
उत्तर. बेनीमाधव सिंह गौरीपुर गाँव के जमीनदार थे।
8. किसकी आँखे लाल हो गयी थीं ?
उत्तर. श्रीकंठ की आँखे लाल हो गई थी।
9. बिगड़ता हुआ काम कौन बना लेती हैं?
उत्तर. बिगड़ता हुआ काम बड़े घर की बेटी बना लेती हैं।
10. ‘बड़े घर की बेटी’ कहानी के लेखक कौन है?
उत्तर. बड़े घर की बेटी कहानी के लेखक प्रेमचंद हैं।
II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
1. बेनीमाधव सिंह के परिवार का संक्षिप्त परिचय दीजिए ।
उत्तर : बेनीमाधव सिंह गौरीपुर गाँव के जमींदार और नम्बरदार थे। उनके पितामह किसी समय बड़े धन धान्य संपन्न थे। गाँव का पक्का तालाब और मंदिर जिनकी अब मरम्मत भी मुश्किल थी, उन्हीं के कीर्तिस्तंभ थे। कभी उनके दरवाजे पर हाथी झूमता था, आज वहाँ बूढ़ी भैंस थी।
बेनीमाधव सिंह अपनी आधी से अधिक संपत्ति वकीलों को भेंट कर चुके थे। उनकी वर्तमान आय एक हजार रुपये वार्षिक से अधिक न थी। ठाकुरसाहब के दो बेटे थे श्रीकंठ सिंह और लालबिहारी सिंह !
2. आनंदी ने अपने ससूराल में क्या रंग-ढंग देखा ?
उत्तर : आनंदी बड़े घर की बेटी थी, उसके पिता छोटी सी रियासत के तालुकेदार थे। वह सम्पन्न घर की सुविधाओं की अभ्यस्थ थी। लेकिन अब वह अपने नये घर में आयी तो वहाँ का रंग-ढंग कुछ और ही था।
जिस टीम-टाम की उसे बचपन से ही आदत पड़ी हुई थी, वह यहाँ नाम मात्र को भी न थी। हाथी घोडों का तो कहना ही क्या, कोई सजी सुंदर बहली तक न थी। रेशमी स्लीपर साथ लायी थी, पर यहाँ बाग कहाँ? मकान में खिडकियाँ तक न थी, न जमीन पर फर्श, न दीवार पर तस्वीरें। यह सीधा-सादा देहाती गृहस्थ का मकान था ।
3. लालबिहारी आनंदी पर क्यों बिगड़ पड़ा ?
उत्तर : एक दिन दोपहर के समय जब आनंदी भोजन बना कर लालबिहारी की राह देख रही थी। तब लालबिहारी दो चिड़िया लिए हुए आया और अपनी भावज से उसे जल्दी पकाने को कहा। अनंदी ने हाँडी में देखा, पाव भर ही घी था । बड़े घर की बेटी किफायत क्या जाने? उसने सारा घी माँस में डाल दिया।
लालबिहारी जैसे ही खाने बैठा तो दाल में घी न था, पूछने पर आनंदी ने कहा कि पाव भर ही धी था, माँस में सारा घी डाल दिया, इतनी सी बात को लेकर लालबिहारी आनंद पर बिगड़ गया ।
4. आनंदी बिगड़ता हुआ काम कैसे बना लेती है ?
उत्तर : आनंदी ने श्रीकंठ सिहं से लालबिहारी की शिकायत तो की थी, लेकिन उसे इसका तनिक भी ध्यान नहीं था कि बात इतनी बढ़ जाएगी । उसके पति ने जब लालबिहारी के साथ न रहने की बात की तब वह उस पर ही झुँझला उठी । वह स्वभाव से दयावती थी। उसने देखा कि लाला बहुत रो रहा था तो उसका रहा-सहा क्रोध भी पानी हो गया ।
उसने अपने पति को समझाया, लेकिन जब वह नहीं माना तो खुद ही बाहर जाकर उसने लालबिहारी को रोक दिया और उसे कहा कि उसे लेकर उसके मन में तनिक भी मैल नहीं है। श्रीकंठ का हृदय भी पिघला और बाहर आकर दोनों भाई एक दूसरे के गले लगे। इस तरह आनंदी ने बिगड़ा हुआ काम बना लिया ।
5. आनंदी का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
उत्तर : आनंदी बड़े घर की बेटी है, उसके पिता भूपसिंह एक छोटी सी रियासत के तालुकेदार थे। उनके सात बेटियों में वह चौथी थी। वह अपनी सब बहनों से अधिक रुपवती व गुणवती थी। ठाकुर भूपसिंह उसे बहुत प्यार करते थे। श्रीकंठ सिंह से जब उसकी शादी हुई तो संपन्न घर की सुविधाओं की अभ्यस्थ होने पर भी उसने अपने आपको श्रीकंठ के रुदिगस्त तथा आभावों से पूर्ण घर के अनुकूल बना लिया ।
एक दिन श्रीकंठ के छोटे भाई लालबिहारी के अभद्र व्यवहार के कारण आनंदी को क्रोध आ गया। छोटी सी बात थी पर झगड़ा यहाँ तक बढ़ गया कि दोनों भाईयों के अटूट प्रेम की कडियाँ शिथिल हो गई और लालबिहारी घर छोड़कर जाने लगा। घर को बिखरता देख आनंदी की सात्विक वृत्तियाँ जाग उठी। स्वभाव से वह दयावती थी। उसने लालबिहारी को रोक लिया और अपने बड़े घर की बेटी होना साबित किया ।
III. निम्नलिखित वाक्य किसने किससे कहे ?
1. जल्दी से पका दो, मुझे भूख लगी है।
उत्तर : इस वाक्य को लालबिहारी ने आनंदी से कहा ।
2. जिसके गुमान पर भूली हुई हो, उसे भी देखूँगा और तुम्हे भी ।
उत्तर : इस वाक्य को लालबिहारी ने आनंदी से कहा ।
3. बुद्धिमान लोग मूर्खों की बात पर ध्यान नहीं देते ।
उत्तर : बेनीमाधव ने श्रीकंठ सिंह से कहा ।
4. लालबिहारी को मैं अब अपना भाई नहीं समझता ।
उत्तर : श्रीकंठसिंह ने अपने पिता बेनीमाधव से कहा ।
5. अब मेरा मुँह नहीं देखना चाहते, इसलिए अब मैं जाता हूँ।
उत्तर : इस वाक्य को लालबिहारी ने श्रीकंठसिंह से कहा ।
6. भैया, अब कभी मत कहना कि तुम्हारा मुँह न देखूँगा ।
उत्तर : लालबिहारी ने श्रीकंठसिंह से कहा ।
7. मुझसे जो कुछ अपराध हुआ, क्षमा करना ।
उत्तर : इस वाक्य को लालबिहारी ने आनंदी से कहा ।
IV. ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए :
1. अभी परसों धी आया है। इतना जल्दी उठ गया ?
उत्तर : प्रसंग : इस वाक्य को ‘प्रेमचन्द’ के द्वारा लिखित पाठ ‘बड़े घर की बेटी’ से लिया गया है। इस वाक्य को लालबिहारी ने आनंदी से पूछा है।
व्याख्या : भोजन बनाते वक्त आनंदी ने सारा घी माँस में डाल दिया था। जब लालबिहारी खाने बैठा तो दाल में घी न देखकर एकदम से गुस्सा हो गया। पूछनेपर आनंदी ने कहा कि सारा घी माँस में गड़ गया तब लालबिहारी ने ऊपर के वाक्य को कहा ।
2. स्त्री गालियाँ सह लेती हैं, मार भी सह लेती हैं, पर मैके की निंदा उनसे नहीं सही जाती ।
उत्तर : प्रसंग : प्रस्तुत वाक्य को ‘बड़े घर की बेटी’ से लिया गया है। जिसके लेखक हैं- ‘प्रेमचन्द’। आनंदी के विषय में लेखक यह बात पाठकों से कह रहे हैं।
व्याख्या : दाल में घी न देखकर लालबिहारी गुस्सा हो गया। पूछने पर आनंदी ने कहा कि- पाव भर ही तो घी था, सारा माँस में पड़ गया तो भावज की यह दिठाई उसे बहुत बुरी मालुम हुई और उसे बोला- ‘मैके में तो चाहे घी की नदी बहती हो’। आनंदी को भी क्रोध आ गया। इस संदर्भ में लेखक ने यह बात कही है।
3. पर तुमने आजकल घर में यह क्या उपद्रव मचा रखा है ।
उत्तर : प्रसंग : प्रस्तुत वाक्य ‘बड़े घर का बेटी’ इस पाठ से लिया गया है। जिसके लेखक हैं ‘प्रेमचन्द’। यह वाक्य श्रीकंठसिंह ने अपनी पत्नी आनंदी से कहा है।
व्याख्या : श्रीकंठ सिंह शनिवार को घर आता था। उसकी गैरहाजिरी में आनंदी और लालबिहारी में जो भी झगड़ा हुआ था, उसके बारे में आते ही उसे, उसके भाई लालबिहारी ने और पिता बेनीमाधव ने बताया । तब वह गुस्से में आकर इस वाक्य को अपनी पत्नी से कहता है ।
4. उससे जो कुछ भूल हुई, उसे तुम बड़े होकर क्षमा करो ।
उत्तर : प्रसंग : प्रस्तुत वाक्य ‘बड़े घर की बेटी’ इस पाठ से लिया गया है जिसके लेखक हैं- प्रेमचंद। इस वाक्य को बेनीमाधव ने श्रीकंठसिंह से कहा है।
व्याख्या : श्रीकंठ सिंह जब शनिवार के दिन घर आया और उसे पता चला कि एक छोटी सी बात को लेकर उसके छोटे भाई लालबिहारी ने उसके पत्नी पर खडाऊँ फेका, तो गुस्से से लाल हो गया। उसने तुरंत अपने पिता बेनीमाधव से जाकर कहा कि वह इस घर में नहीं रह सकता। तब बेनीमाधव श्रीकंठसिहं को समझाते हुए यह कहते हैं।
5. बड़े घर की बेटियाँ ऐसे ही होती हैं। बिगड़ता हुआ काम बना लेती हैं।
उत्तरः प्रसंग : प्रस्तुत वाक्य ‘बड़े घर की बेटी’ इस पाठ से लिया गया है इसे लेखक ‘प्रेमबंद’ ने लिखा है । इस वाक्य को बेनीमाधव सिंह ने कहा है।
व्याख्या : लालबिहारी और श्रीकंठसिंह में बहुत प्यार था । लालबिहारी अपने बड़े भाई का बहुत आदर भी करते थे लेकिन एक छोटी सी बात को लेकर जब लालबिहारी ने आनन्दी से झगड़ा मोल लिया, तब गुस्से में आकर श्रीकंठ सिंह उसका मुँह न देखने का और उसके साथ न रहने का निश्चय करते हैं।
आनंदी ने शिकायत तो की थी लेकिन उसे पता नहीं था कि बात इतनी बिगड़ जाएगी । लालबीहारी के क्षमा माँगते ही उसके पति श्रीकंदसिंह भी उसे माफ कर देते हैं। दोनों भाईयों को फिर से गले मिले-देख आनन्दी की तारीफ में बेनीमाधव इस वाक्य को कहते हैं ।
V. Bade ghar ki beti question answer –
शुद्ध वाक्य :
-
उनकी पितामह किसी समय बड़े धन-धान्य सम्पन्न थे । उनके पितामह किसी समय बड़े धन-धान्य सम्पन्न थे।
-
स्वयं उनका पत्नी को ही इस विषय में उनसे विरोध थी । स्वयं उनकी पत्नी को ही इस विषय में उनसे विरोध था
-
आनंदी अपने नये घर में आया । आनंदी अपने नये घर में आयी ।
-
मुझे जाना दो । मुझे जाने दो ।
VI. कोष्टक में दिए गए उचित शब्दों से रिक्त स्थान भरिए।
(ऐसी, शनिवार, संतान, गौरीपुर, हाथी)
-
इस दरवाजे पर हाथी झूमता था ।
-
सुन्दर संतान को कदाचित उसके माता-पिता भी अधिक चाहते थे ।
-
गौरीपुर में रामलीला के वही जन्मदाता थे ।
-
श्रीकंठ सिंह शनिवार को घर आया करते थे ।
-
बड़े घर की बेटियाँ ऐसी ही होती हैं।
VII. Bade ghar ki beti question answer – लिंग शब्द :
1 | ठाकुर – ठकुराइन |
2 | बेटा – बेटी |
3 | बुद्धिमान – बुद्धिमति |
4 | पति – पत्नी |
5 | स्त्री – पुरुष |
6 | हाथी – हाथिनी |
7 | भाई – बहन |
VIII. अन्य वचन रुप लिखिए :
1 | घर – घर |
2 | भैस – भैंसे |
3 | आँखे – आँख |
4 | बेटी – बेटियाँ |
5 | स्त्री- स्त्रियाँ |
6 | थाली – थालियाँ |
Bade ghar ki beti question answer – Conclusion :
हमें उम्मीद है कि आपको यह Bade ghar ki beti question answer लेख से संबंधित नोट्स पसंद आया होगा। आपके सारे डाउट्स क्लियर हो चुके होंगे। अगर आप इस नोट्स से संबंधित हमसे कुछ पूछना या कहना चाहते हों तो जरूर कमेंट्स लिखिएगा।
Bade ghar ki beti question answer – FAQs :
1. ठाकुर साहब के कितने बेटे थे?
उत्तर : ठाकुर साहब के दो बेटे थे।
2. बेनीमाधव सिंह अपनी आधी से अधिक संपत्ति किसे भेंट के रुप में दे चुके थे?
उत्तर : बेनीमाधव सिंह अपनी आधी से अधिक संपत्ति वकीलों को भेंट कर चुके थे।
3. ठाकुर साहब के बड़े बेटे का नाम क्या था?
उत्तर : ठाकुर साहब के बड़े बेटे का नाम श्रीकंठ सिंह था।
4. श्रीकंठ कब घर आया करते थे?
उत्तर. श्रीकंठ शनिवार को घर आया करते थे।
5. आनंदी के पिता का नाम लिखिए ।
उत्तर. आनंदी के पिता का नाम था भूपसिंह।
6. थाली उठाकर किसने पलट दी?
उत्तर. लालबिहारी ने थाली उठाकर पलट दी।
7. गौरीपुर गाँव के जमीनदार कौन थे?
उत्तर. बेनीमाधव सिंह गौरीपुर गाँव के जमीनदार थे।
8. किसकी आँखे लाल हो गयी थीं ?
उत्तर. श्रीकंठ की आँखे लाल हो गई थी।
9. बिगड़ता हुआ काम कौन बना लेती हैं?
उत्तर. बिगड़ता हुआ काम बड़े घर की बेटी बना लेती हैं।
10. ‘बड़े घर की बेटी’ कहानी के लेखक कौन है?
उत्तर. बड़े घर की बेटी कहानी के लेखक प्रेमचंद हैं।
Bade ghar ki beti question answer अतिरिक्त जानकारी :
Source : Rani ketki youtube channel
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