इस पोस्ट में Imandaro ke sammelan mein notes को बहुत ही बढ़िया तरीके से लिखा गया है । पाठ में निहित एक अंक से लेकर सभी अभ्यास प्रश्नों के लिए सबसे अच्छे उत्तरों को लिखा गया है ।
यह Imandaro ke sammelan mein notes छात्रों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। आनेवाले वार्षिक परीक्षा में छात्र सबसे बेहतर अंक पा सके इसी को ध्यान में रखकर इस पोस्ट को लिखा गया है।
Imandaro ke sammelan mein notes
छात्रों से अनुरोध है कि वे इस Imandaro ke sammelan mein notes को अच्छी तरह से पढ़कर अपने परीक्षा की तैयारी करें। आपको जरूर पूर्ण अंक मिलेंगे। तो चलिए इस नोट्स को पढ़ना प्रारंभ करते हैं ।
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
1. प्रस्तुत कहानी के लेखक कौन हैं ?
उत्तर :- प्रस्तुत कहानी के लेखक हरिशंकर परसाई हैं ।
2. लेखक दूसरे दर्जे में क्यों सफर करना चाहते थे ?
उत्तर :- लेखक दूसरे दर्जे में सफर करके पहले दर्जे का किराया वसूलना चाहते थे ।
3. लेखक की चप्पले किसने पहनी थीं ?
उत्तर :- लेखक की चप्पले ईमानदार डेलिगेट ने पहनी थी ।
4. स्वागत समिति के मंत्री किसको डाँटने लगे ?
उत्तर :- स्वागत समिति के मंत्री कार्यकर्ताओं को डाँटने लगे ।
5. लेखक पहनने के कपड़े कहाँ दबाकर सोये ?
उत्तर :- लेखक पहनने के कपड़े सिरहाने दबाकर सोये ।
6. सम्मेलन में लेखक के भाग लेने से किन-किन को प्रेरणा मिल सकती थी ?
उत्तर :- सम्मेलन में लेखक के भाग लेने से ईमानदारों तथा उदीयमान ईमानदारों को प्रेरणा मिल
सकती थी ।
7. लेखक को कहाँ ठहराया गया ?
उत्तर :- लेखक को होटेल के एक बडे कमरे में ठहराया गया ।
8. ब्रीफकेस में क्या था ?
उत्तर :- ब्रीफकेस में कुछ कागज़ात थे ।
9. लेखक ने धूप का चश्मा कहाँ रखा था ?
उत्तर :- लेखक ने धूप का चश्मा टेबल पर रखा था ।
10. तीसरे दिन लेखक के कमरे से क्या गायब हो गया था ?
उत्तर :- तीसरे दिन लेखक के कमरे से कम्बल गायब हो गया था |
Imandaro ke sammelan mein notes video
Source : Rk Karnataka Hindi
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
1. लेखक को भेजे गये निमंत्रण पत्र में क्या लिखा गया था ?
उत्तर :- पत्र में लिखा था – “हम लोग इस शहर में एक ईमानदार सम्मेलन कर रहे हैं । आप देश के
प्रसिध्द ईमानदार हैं। हमारी प्रार्थना है कि आप इस सम्मेलन का उद्घाटन करें। हम आपको
आने-जाने के पहले दर्जे का किराया देंगे तथा आवास, भोजन आदि की उत्तम व्यवस्था
करेंगे। आपके आगमन से ईमानदारों तथा उदीयमान ईमानदारों को बड़ी प्रेरणा मिलेगी।”
2. फूल मालाएँ मिलने पर लेखक क्या सोचने लगे ?
उत्तर :- लेखक को लगभग दस बड़ी फूल-मालाएँ पहनायी गयीं । उन्होंने सोचा, आस-पास कोई माली
होता तो फूल-मालाएँ भी बेच लेता ।
3. लेखक ने मंत्री को क्या समझाया ?
उत्तर :- लेखक ने मंत्री को समझाया की -“ऐसा हरगिज मत करिये । ईमानदारों के सम्मेलन में
पुलिस ईमानदारों की तलाशी ले, यह बड़ी अशोभनीय बात होगी। फिर इतने बड़े सम्मेलन में
थोड़ी गड़बड़ी होगी ही।”
4. चप्पलों की चोरी होने पर ईमानदार डेलिगेट ने क्या सुझाव दिया ?
उत्तर :- डेलिगेट ने सुझाव दिया कि –“देखिए, चप्पलें एक जगह नहीं उतारना चिहिए । एक चप्पल
यहाँ उतारिये, तो दूसरी दस फीट दूर। तब चप्पलें चोरी नहीं होतीं। एक ही जगह जोड़ी होगी,
तो कोई भी पहन लेगा । मैंने ऐसा ही किया था।”
5. लेखक ने कमरा छोड़कर जाने का निर्णय क्यों लिया ?
उत्तर :- होटल के कमरों में बहुत ज्यादा चोरियाँ होने लगी थी। अपने पास बची वस्तुओं ओ सुरक्षित
रखने के लिए लेखक ने कमरा छोड़कर जाने का निर्णय लिया ।
6. मुख्य अतिथि की बेईमानी कहाँ दिखाई देती है ?
उत्तर :- मुख्य अतिथि ने ईमानदार डेलिगेट की फटी – पुरानी चप्पलें बिना बताए पहन ली थी।
इससे पहले वे सोचते थे कि दूसरे दर्जे में यात्रा कर के पहले दर्जे का किराया वसूल कर
लिया जाए और स्वागत में पहनायी गयी दस फूल-मालाओं को किसी माली को बेच लेता ।
III. चार-छ: वाक्यों में उत्तर लिखिए :
1. लेखक के धूप का चश्मा खो जाने की घटना का वर्णन कीजिए ।
उत्तर :- लेखक का धूप का चश्मा कहीं खो गया था। आसपास यह बात हर जगह फैल गई। इस
बीच एक सज्जन, लेखक के पास आए और बोले –“बड़ी चोरियाँ हो रही हैं। देखिए, आपका
धूप का चश्मा ही चला गया।” लेखक ने ध्यान से देखा तो वे सज्जन उनका ही धूप का
चश्मा पहने हुए थे ।
2. मंत्री तथा कार्यकर्ताओं के बीच में क्या वार्तालाप हुआ ?
उत्तर :- मंत्री कार्यकर्ताओं को डाँटने लगे, “तुम लोग क्या करते हो? तुम्हारी ड्यूटी यहाँ हैं। तुम्हारे
रहते चोरियाँ हो रही हैं। यह ईमानदार सम्मेलन है । बाहर यह चोरी की बात फैली, तो
कितनी बदनामी होगी ?” कार्यकर्ताओं ने कहा, “हम क्या करें ? अगर सम्माननीय डेलिगेट
यहाँ-वहाँ जायें, तो क्या हम उन्हें रोक सकते हैं ?” तब मंत्री ने गुस्से से कहा, “मैं पुलिस को
बुलाकर यहाँ सबकी तलाशी करवाता हूँ।”
3. सम्मेलन में लेखक को कौन-से अनुभव हुए? संक्षेप में लिखिए ।
उत्तर :- सम्मेलन के शानदार उद्घाटन के बाद लेखक की चप्पलों की अदला – बदली हो गयी।
लेखक ने देखा कि बिस्तर की चादर भी गायब है। अगले दिन उन्होंने देखा कि दो और
चादरें होटेल के कमरे से गायब थी। इसी दौरान उनका धूप का चश्मा भी खो गया था। बाद
में उन्होंने एक सज्जन व्यक्ति के पास देखा।
सम्मेलन के तीसरे दिन उनका कम्बल भी गायब था। अगले दिन लेखक रात को पहनने के कपड़े सिरहाने दबाया और नयीं चप्पलें तथा शेविंग के डिब्बे को बिस्तर के नीचे दबाया। अगले दिन ताला चोरी हो गया। तब लेखक ने तय किया कि जल्दी से उस जगह को खाली करना चाहिए ।
VI. अनुरूपता :
- पहला दिन : चप्पलें गायब थीं :: दूसरे दिन : धूप का चश्मा
- तीसरे दिन : कम्बल गायब था :: चौथे दिन : ताला
- रिक्शा : तीन पहियों का वाहन :: साइक्किल : दो पहियों का वाहन
- रेलगाड़ी : पटरी :: हवाईजहाज : आकाश
V. रिक्त स्थानों को सही शब्दों से भरिए :
- हम लोग इस शहर में एक ईमानदार सम्मेलन कर रहे हैं ।
- आपकी चप्पले नहीं गयीं, यह गनीमत है ।
- वह मेरा चश्मा लगाये इतमीनान से बैठे थे ।
- फिर इतने बड़े सम्मेलन में थोड़ी गड़बड़ी होगी ही ।
VI. विलोम शब्द लिखिए :
- आगमन X प्रस्थान
- रात X दिन
- जवाब X सवाल
- बेचना X खरीदना
- सज्जन X दुर्जन
VII. बहुवचन रुप लिखिए :
- कपड़ा – कपड़े
- चादर – चादरें
- बात – बातें
- डिब्बा – डिब्बे
- चीज़ – चीज़ें
VIII. प्रेरणार्थक क्रिया रुप लिखिए :
- ठहरना – ठहराना – ठहरवाना
- धोना – धुलाना – धुलवाना
- देखना – दिखाना – दिखवाना
- लौटना- लौटाना – लौटवाना
- उतरना- उतराना- उतरवाना
- पहनना- पहनाना- पहनवाना
IX. संधि-विछेद करके संधि का नाम लिखिए :
- स्वागत = सु + आगत = यण् संधि
- सहानुभूति = सह + अनुभूति = दीर्घ संधि
- सज्जन = सत् + जन = व्यंजन संधि
- परोपकार = पर + उपकार = गुण संधि
- निश्चिंत = नि: + चिंत = विसर्ग संधि
- सदैव = सदा + एव = वृद्धि संधि
X. कन्नड में अनुवाद कीजिए :
1. हम आपको आने-जाने का पहले दर्जे का किराया देंगे ।
उत्तर : ನಾವು ತಮಗೆ ಹೋಗಿ ಬರುವುದಕ್ಕಾಗಿ ಮೊದಲ ದರ್ಜೆಯ ಬತ್ತೆಯನ್ನು ಕೊಡುತ್ತೇವೆ.
2. स्टेशन पर मेरा खूब स्वागत हुआ ।
उत्तर : ಸ್ಟೇಷನ್ ನಲ್ಲಿ ನನಗೆ ಬಹಳನೇ ಸ್ವಾಗತ ಮಾಡಲಾಯಿತು.
3. देखिए, चप्पलें एक जगह नहीं उतारनी चाहिए ।
उत्तर : ನೋಡಿ ಚಪ್ಪಲಿಗಳನ್ನು ಒಂದೇ ಜಾಗದಲ್ಲಿ ಬಿಡಬಾರದು.
4. अब मैं बचा हूंँ । अगर रुका तो मैं ही चुरा लिया जाऊंगा ।
उत्तर : ಈಗ ನಾನು ಉಳಿದುಕೊಂಡಿದ್ಡೇನೆ. ಒಂದು ವೇಳೆ ಇಲ್ಲೇ ಉಳಿದುಕೊಂಡರೆ ನನ್ನನ್ನು ಸಹ ಕಳವು
ಮಾಡಲಾಗುತ್ತದೆ.
XI. ईमान गुण के सामने सही चिह्न (√) और बेईमान गुण के सामने गलत चिह्न (X) लगाइए :
- दूसरे लोगों की वस्तुओं को वापिस पहुँचाना। √
- चोरी करना। X
- रास्ते में मिली वस्तुओं को पुलिस स्टेशन पहुँचाना। √
- कामचोरी करना। X
- बगल में छुरी मुँह में राम-राम करना। X
- झूठ बोलना। X
- नेक मार्ग पर चलना। √
- जानबूझकर गलती करना। X
- बहाना बनाना। X
- सच बोलना। √
- समय पर काम पूरा करना। √
- धोखा देना। X
- जालसाज़ी करना। X
- चोर बाज़ारी और मिलावट करना। X
- निष्ठा से कार्य करना। √
- भ्रष्टाचार में शामिल होना। X
- सेवाभाव से दूसरों की सहायता करना। √
- देश के प्रति सच्चा अभिमान रखना। √
- सच्चे भाव से बड़ों का आदर करना। √
- अपने सहपाठियों के साथ भाईचारे का व्यवहार करना।
XII. चित्र देखकर कहानी रचिए, और उसके लिए एक उचित शीर्षक दीजिए :
कहानी
गोपाल को अपने काम की वजह से बैंक जाना था। उसने एक अटोरिक्षा को बुलाया और अपना बस्ता तथा ब्रीफकेस को लेकर बैठ गया। रिक्षा ड्राइवर का नाम श्याम था। बैंक जाने की जल्दबाजी में गोपाल
ने अपना ब्रीफकेस रिक्षा में ही छोड दिया। जब थोडी देर बाद श्याम को यह पता चला कि गोपाल ने
अपना ब्रीफकेस रिक्षा में ही छोड दिया है तब उसने चित्रापुर पुलिस स्टेशन को फोन किया और उस ब्रीफकेस को सही सलामत गोपाल को सौंप दिया। इस ईमानदारी के कारण श्याम को स्टेशन में ही
सम्मानित किया गया।
कहानी का शीर्षक : ईमानदारी का उदाहरण
भाषा ज्ञान
I. दिए गए निर्देशानुसार वाक्य बदलिए :
- मेरे पास चप्पल नहीं थी। (वर्तमान काल में)
मेरे पास चप्पल नहीं है। - एक बिस्तर की चादर गायब है। (भूतकाल में)
एक बिस्तर की चादर गायब थी। - उसमें पैसे तो नहीं थे। (भविष्यत्काल में)
उसमें पैसे तो नहीं होंगे। - कोई उठा ले गया होगा। (वर्तमानकाल में)
कोई उठा ले गये हैं। - वह धूप का चश्मा लगाये थे। (भविष्यत्काल में)
वह धूप का चश्मा लगायेंगे। - सुबह मुझे लौटना था। (भविष्यत्काल में)
सुबह मुझे लौटना होगा।
II. निम्न लिखित वाक्यों के आगे काल पहचानकर लिखिए :
- मैंने सामान बाँधा। भूतकाल
- बड़ी चोरियाँ हो रही है। वर्तमानकाल
- पहले दर्जे का किराया लूँगा। भविष्यत्काल
- डेलिगेट दोपहर को ही वापस चले गये। भूतकाल
- मेरी चप्पलें देख रहे थे। भूतकाल
III. इन कहावतों का अर्थ समझकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
जैसे : कहावत – जहाँ चाह वहाँ राह।
अर्थ – इच्छा होने पर उसे पाने का मार्ग स्वयं मिल जाता है।
वाक्य – यदि मनुष्य चाहे तो कठिन से कठिन कार्य को भी पूरा कर सकता है, क्योंकि जहाँ चाह वहाँ राह।
1. गुरु गुड़ ही रहे, चेले शक्कर हो गये।
अर्थ – छोटों का बड़ों से आगे बढ़ जाना।
वाक्य –अब्दुल कलाम जी की मेहनत एवं उनकी लगन को देखकर उनके गुरु ने कहा था कि गुरु
गुड़ ही रहेंगे, चेले शक्कर हो जायेंगे।
2. जैसा देश, वैसा भेस।
अर्थ – जैसे देश के लोग होते हैं वैसे ही देश की वेश भाषा और संस्कृति होती है।
वाक्य – भारत देश की वेश भाषा और संस्कृति को देखकर दुनिया के लोग कहते हैं जैसा देश,
वैसा भेस।
3. निर्बल के बलराम।
अर्थ – निर्बल को सहायता करनेवाला ही उनके लिए भगवान है।
वाक्य – मुसीबत आने पर सहायता करनेवाले ही निर्बल के बलराम कहे जाते हैं।
4. बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।
अर्थ – मूर्ख को गुण की परख न होना।
वाक्य – एक ईमानदार तथा मेहनती शिष्य को देखकर कुछ लोग हँस रहे थे तब गुरु ने कहा-
बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।
5. हाथी के दाँत खाने के और, दिखाने के और।
अर्थ – लोगों के बोलने का तरीका कुछ और होता है और काम करने का कुछ और।
वाक्य – महाभारत के शकुनि के बारे में भीम इस प्रकार कहते हैं- हाथी के दाँत खाने के और,
दिखाने के और।
Conclusion
प्रिय छात्रों, यह Imandaro ke sammelan mein notes बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसमें हमने लगभग सभी प्रश्नों के उत्तरों की बहुत ही स्पष्ट एवं विस्तार से आपके लिए लिखा है।
मुझे उम्मीद है कि यह Imandaro ke sammelan mein notes पाठ संबंधित आपके सभी शंकाओं के समाधान के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी साबित हुआ है। इसके बावजूद भी आपकी कोई शंका या सुझाव हो तो जरूर कमेंट बॉक्स में लिखिएगा।
FAQs बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न
1. ईमानदारों के सम्मेलन में कहानी के लेखक कौन हैं ?
उत्तर : ईमानदारों के सम्मेलन में कहानी के लेखक हरिशंकर परसाई हैं।
2. लेखक दूसरे दर्जे में क्यों सफर करना चाहते थे ?
उत्तर : लेखक दूसरे दर्जे में सफर करके पहले दर्जे का किराया वसूलना चाहते थे।
3. लेखक की चप्पले किसने पहनी थीं ?
उत्तर : लेखक की चप्पले ईमानदार डेलिगेट ने पहनी थी।
4. स्वागत समिति के मंत्री किसको डाँटने लगे ?
उत्तर : स्वागत समिति के मंत्री कार्यकर्ताओं को डाँटने लगे।
5. लेखक पहनने के कपड़े कहाँ दबाकर सोये ?
उत्तर : लेखक पहनने के कपड़े सिरहाने दबाकर सोये।
6. सम्मेलन में लेखक के भाग लेने से किन-किन को प्रेरणा मिल सकती थी ?
उत्तर : सम्मेलन में लेखक के भाग लेने से ईमानदारों तथा उदीयमान ईमानदारों को प्रेरणा मिल सकती थी।
7. लेखक को कहाँ ठहराया गया ?
उत्तर : लेखक को होटेल के एक बडे कमरे में ठहराया गया।
8. ब्रीफकेस में क्या था ?
उत्तर : ब्रीफकेस में कुछ कागज़ात थे।
9. लेखक ने धूप का चश्मा कहाँ रखा था ?
उत्तर : लेखक ने धूप का चश्मा टेबल पर रखा था।
10. तीसरे दिन लेखक के कमरे से क्या गायब हो गया था ?
उत्तर : तीसरे दिन लेखक के कमरे से कम्बल गायब हो गया था।
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