इस पोस्ट के अंतर्गत kashmiri seb पाठ से संबंधित Notes को बहुत विस्तार से लिखा गया है। जैसे- Kashmiri seb एक वाक्य के उत्तर, दो-तीन वाक्य के उत्तर, जोड़कर लिखिए, विलोम शब्द लिखिए, अनुरूपता, अन्य वचन, नए शब्द बनाइए, क्रम से लिखिए, kashmiri seb lesson summary in english, hindi kannada और Videos.
यह Kashmiri seb lesson notes छात्रों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। परीक्षाओं में अच्छे अंक पाने के लिए अधिक लाभकारी है। साथ ही Kashmiri seb lesson summary in hindi, kashmiri seb lesson summary in english पाठ को समझने में बहुत लाभदायक है। तो चलिए इस इस kashmiri seb notes पोस्ट को पढ़ना शुरू करते हैं।
पाठ का मुख्य विषय: बदलते सामाजिक मूल्य और विश्वास
लेखक ने एक साधारण सी घटना के माध्यम से समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और विश्वास की कमी को उजागर किया है। उन्होंने बाजार से खरीदे गए सड़े हुए सेबों के अनुभव को आधार बनाकर समाज के चारित्रिक पतन पर चिंता व्यक्त की है।
कहानी का संक्षिप्त विवरण:
लेखक ने बाजार से कुछ सेब खरीदे, जिनके बारे में कहा गया था कि वे कश्मीरी सेब हैं और बहुत अच्छे हैं। लेकिन घर आकर जब उसने उन सेबों को देखा तो वे सड़े हुए और खराब निकले। इस घटना ने लेखक को गहरा आघात पहुंचा और उसने समाज के बदलते मूल्यों पर चिंतन किया।
मुख्य बिंदु:
✔️ विश्वास की कमी: पहले व्यापारियों में ईमानदारी होती थी, लेकिन अब धोखाधड़ी आम बात हो गई है।
✔️ भ्रष्टाचार: समाज के सभी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार व्याप्त है, चाहे वह व्यापारी हों या सरकारी कर्मचारी।
✔️ लोगों का लालच: लोग आसानी से धोखा देने का मौका ढूंढते हैं।
✔️ खरीददारों की लापरवाही: खरीददार भी सचेत नहीं रहते हैं और धोखा खा जाते हैं।
लेखक का संदेश:
लेखक ने पाठकों को सचेत किया है कि उन्हें बाजार में जाते समय सावधान रहना चाहिए और किसी पर आसानी से विश्वास नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि हमें अपने मूल्यों को नहीं भूलना चाहिए और ईमानदारी और सच्चाई का पालन करना चाहिए।
कुल मिलाकर, यह पाठ समाज के लिए एक आईना है जो हमें हमारे दोषों को दिखाता है और सुधार के लिए प्रेरित करता है।
यह पाठ हमें निम्नलिखित बातों के लिए प्रेरित करता है:
- सचेत रहें: बाजार में जाते समय सचेत रहें और किसी पर आसानी से विश्वास न करें।
- ईमानदार बनें: खुद ईमानदार बनें और दूसरों को भी ईमानदारी के लिए प्रेरित करें।
- समाज में बदलाव लाएं: समाज में बदलाव लाने के लिए प्रयास करें और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं।
Kashmiri seb lesson – लेखक परिचय :
लेखक का नाम | मुंशी प्रेमचंद |
जन्म | 31 जुलाई 1880 |
जन्म स्थान | लमही, वाराणसी |
वास्तविक नाम | धनपतराय |
शिक्षा | मेट्रिक |
प्रमुख रचनाएं | गोदान, सेवासदन, निर्मला, कर्मभूमि |
प्रसिद्ध कहानियाँ | बड़े घर की बेटी, नामक का दरोगा, पंच परमेश्वर, पूस की रात |
कहानी संकलन | मानसरोवर |
मृत्यु | 8 अक्तूबर 1936 |
Kashmiri seb lesson – शब्दार्थ :
मेवाफरोश | फल बेचनेवाला |
नजर | दृष्टि |
निमकौड़ी | नीम का फल |
लौंडा | बालक |
मोल-भाव | मूल्य |
तराजू | तौलने का साधन |
कायदा | नियम |
गलना | घनत्व काम होना |
बेदाग | साफ |
सुराख | छेद |
बेर | बेर फल |
भाँप लेना | पहचानना |
चौकास | सावधान |
कचहरी | दफ्तर |
साख | प्रतिष्ठा |
रेवाड़ी | तिल से बनी मिठाई |
Kashmiri seb notes :
I. एक वाक्य के उत्तर:
1. लेखक चीज़ें खरीदने कहाँ गये थे ?
उत्तर : लेखक चीज़ें खरीदने बाज़ार गये थे।
2. लेखक को क्या नज़र आया ?
उत्तर : लेखक को एक दूकान पर बहुत अच्छा रंगदार, गुलाबी सेब नज़र आया।
3. लेखक का जी क्यों ललचा उठा ?
उत्तर : रंगदार गुलाबी सेबों को देखकर लेखक का जी ललचा उठा।
4. टोमाटो किसका आवश्यक अंग बन गया है ?
उत्तर : टोमाटो भोजन का आवश्यक अंग बन गया है।
5. स्वाद मे सेब किससे बढ़कर नहीं है ?
उत्तर : स्वाद में सेब आम से बढ़कर नहीं है।
6.रोज़ एक सेब खाने से किनकी ज़रूरत नहीं होगी ?
उत्तर : रोज़ एक सेब खाने से डॉक्टर की ज़रूरत नहीं होगी।
II. दो-तीन वाक्य के उत्तर :
1. आजकल शिक्षित समाज में किसके बारे में विचार किया जाता है ?
उत्तर : आजकल शिक्षित समाज में विटामिन और प्रोटीन के शब्दों के बारे में विचार किया जाता है।
2. दूकानदार ने लेखक से क्या कहा ?
उत्तर : दूकानदार ने लेखक से कहा- बाबूजी, बड़े मज़ेदार सेब आये हैं, खास कश्मीर के। आप ले जाएँ, खाकर तबीयत खुश हो जायेगी।
3. दूकानदार ने अपने नौकर से क्या कहा ?
उत्तर : दूकानदार ने अपने नौकर से कहा- सुनो, आधा सेर कश्मीरी सेब निकाल ला। चुनकर लाना।
4. सेब की हालत के बारे में लिखिए।
उत्तर : सेब की हालत निम्न प्रकार है- पहला सेब सड़ा हुआ एवं एक रुपये के आकार का छिलका गला हुआ। दूसरा सेब आधा सड़ा हुआ। तीसरा सेब एक तरफ़ दबकर बिल्कुल चिपका हुआ। चौथा सेब एक काला सुराख जैसे बेरों में होता है। काटने पर भीतर भी वैसे ही धब्बे, जैसे बेर में होते हैं।
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Kashmiri seb lesson – अतिरिक्त प्रश्न :
1. लेखक ने सेब खरीदने की घटना को इतना विस्तार से क्यों वर्णित किया है?
उत्तर: लेखक ने सेब खरीदने की घटना को इतना विस्तार से वर्णित करके समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और विश्वास की कमी को उजागर करना चाहता है। एक छोटी सी घटना के माध्यम से वह समाज के बड़े मुद्दों को जोड़कर दिखाना चाहता है। सेब खरीदने का अनुभव उसके लिए एक प्रतीक बन जाता है जो समाज के बदलते मूल्यों को दर्शाता है।
2. लेखक ने दूकानदार के व्यवहार को धोखेबाजी क्यों कहा है? क्या उसके पास इस बात का कोई ठोस सबूत था?
उत्तर: लेखक ने दूकानदार के व्यवहार को धोखेबाजी इसलिए कहा क्योंकि उसके द्वारा खरीदे गए सभी सेब खराब थे। यह संयोग से नहीं हो सकता। चारों सेबों के खराब होने से यह स्पष्ट होता है कि दूकानदार ने जानबूझकर उसे बेकार के सेब बेचे हैं। हालांकि, उसके पास इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन चारों सेबों के खराब होने से उसका संदेह सही साबित होता है।
3. लेखक ने अपने व्यवहार को भी इस घटना के लिए जिम्मेदार क्यों ठहराया है?
उत्तर: लेखक ने अपने व्यवहार को भी इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है क्योंकि उसने दूकानदार पर अंधविश्वास किया। उसने दूकानदार को रुमाल देते हुए कहा कि वह सेब चुन-चुनकर रखे, जिससे दूकानदार को यह संकेत मिल गया कि लेखक बहुत सतर्क नहीं है और वह आसानी से धोखा खा सकता है। लेखक का यह विश्वास ही दूकानदार के लिए धोखा देने का मौका बन गया।
4. इस कहानी के माध्यम से लेखक समाज के बारे में क्या संदेश देना चाहता है?
उत्तर: इस कहानी के माध्यम से लेखक समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, विश्वास की कमी और बदलते मूल्यों के बारे में चिंता व्यक्त करना चाहता है। वह पाठकों को सचेत करना चाहता है कि उन्हें बाजार में जाते समय सावधान रहना चाहिए और किसी पर आसानी से विश्वास नहीं करना चाहिए। लेखक यह भी बताना चाहता है कि हमें अपने मूल्यों को नहीं भूलना चाहिए और ईमानदारी और सच्चाई का पालन करना चाहिए।
5. इस कहानी का आधुनिक समय में क्या महत्व है?
उत्तर: यह कहानी आधुनिक समय में भी प्रासंगिक है क्योंकि आज भी समाज में भ्रष्टाचार और विश्वास की कमी की समस्या व्याप्त है। इस कहानी के माध्यम से हम देख सकते हैं कि कैसे लोग अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को धोखा देते हैं। यह कहानी हमें सचेत करती है कि हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए और हमेशा सत्य और न्याय के लिए लड़ना चाहिए। यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि हमें अपने मूल्यों को कभी नहीं भूलना चाहिए।
III. जोड़कर लिखिए:
अ | ब |
सेब को रुमाल में बाँधकर | मुझे दे दिया। |
फल खाने का समय तो | प्रात:काल है। |
एक सेब भी खाने | लायक नहीं। |
व्यापारियों की साख | बनी हुई थी। |
IV. Kashmiri seb के विलोम शब्द :
- शाम X सुबह
- खरीदना X बेचना
- बहुत X कम
- अच्छा X बुरा
- शिक्षित X अशिक्षित
- आवश्यक X अनावश्यक
- गरीब X अमीर
- रात X दिन
- संदेह X निसंदेह
- साफ X मैला
- बेईमान X ईमान
- विश्वास X अविश्वास
- सहयोग X असहयोग
- हानि X लाभ
- पास X दूर
- ग़म X खुशी
V. अनुरूपता :
- केला : पीला रंग :: सेब : लाल/गुलाबी रंग
- सेब : फल :: गाजर : सब्जी
- नागपुर : संतरा :: कश्मीर : सेब
- कपड़ा : नापना :: टोमाटो : तोलना
VI. अन्य वचन लिखिए :
- चीज़ें – चीज़
- रास्ता – रास्ते
- फल – फल
- घर – घर
- रुपए – रुपया
- आँखें – आँख
- कर्मचारी – कर्मचारीगण
- व्यापारी – व्यापारीगण
- रेवड़ी – रेवड़ियाँ
- दूकान – दूकान
VII. अंतिम अक्षर से एक और शब्द बनाइए :
उदा : सेब – बंदर – रंग – गरम
- दूकान – नमक – कमल – लकड़ी
- बाज़ार – रखना – नारियल – लड़का
- रुमाल – लहसुन – नदी – दीमक
- लेखक – कवि – विजेता – तारा
VIII. निम्नलिखित वाक्यों को सही क्रम में लिखिए :
1. गाजर गरीबों भी पहले के पेट की चीज़ भरने थी।
उत्तर : गाजर भी पहले गरीबों के पेट भरने की चीज़ थी।
2. अब चीज़ नहीं है वह केवल स्वाद की।
उत्तर : अब वह केवल स्वाद की चीज़ नहीं है।
3. नहीं लायक खाने भी सेब एक।
उत्तर : एक भी सेब खाने लायक नहीं।
4. मालूम हुई घर आकर अपनी भूल।
उत्तर : घर आकर अपनी भूल मालूम हूई।
IX. कन्नड अथवा अंग्रेजी में अनुवाद कीजिए :
1. गाजर भी पहले गरीबों के पेट भरने की चीज़ थी।
उत्तर : ಗಜ್ಜರಿ ಕೂಡಾ ಮೊದಲು ಬಡವರ ಹೊಟ್ಟೆ ತುಂಬುವ ವಸ್ತು ಆಗಿತ್ತು.
2. दूकानदार ने कहा- बड़े मज़ेदार सेब आये हैं।
उत्तर : ಬಹಳ ರೂಚಿಕರ ಸೇಬು ಬಂದಿವೆ ಎಂದು ಅಂಗಡಿದವನು ಹೇಳಿದ.
3. एक सेब भी खाने लायक नहीं।
उत्तर : ಒಂದು ಸೇಬು ಕೂಡಾ ತಿನ್ನಲು ಯೋಗ್ಯವಿಲ್ಲ.
4. दूकानदार ने मुझसे क्षमा माँगी।
उत्तर : ಅಂಗಡಿದವನು ನನಗೆ ಕ್ಷಮೆ ಕೇಳಿದ.
Kashmiri seb lesson summary :
Kashmiri seb lesson summary in Kannada :
ಸಾರಾಂಶ: ಲೇಖಕರು ತಮ್ಮ ಸರಳ ಅನುಭವವನ್ನು ಆಧರಿಸಿ ಸಮಾಜದಲ್ಲಿ ಹರಡಿರುವ ಭ್ರಷ್ಟಾಚಾರ ಮತ್ತು ನಂಬಿಕೆಯ ಕೊರತೆಯನ್ನು ಬಹಿರಂಗಪಡಿಸಿದ್ದಾರೆ. ಮಾರುಕಟ್ಟೆಯಿಂದ ಕೊಂಡ ಸಡೆದ ಸೇಬುಗಳ ಕಥೆಯನ್ನು ಹೇಳುವ ಮೂಲಕ ಸಮಾಜದ ನೈತಿಕ ಸ್ಥಿತಿಯ ಬಗ್ಗೆ ಕಳವಳ ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸಿದ್ದಾರೆ.
ಕಥೆಯ ಸಂಕ್ಷಿಪ್ತ ವಿವರ: ಲೇಖಕರು ಮಾರುಕಟ್ಟೆಯಿಂದ ಕಾಶ್ಮೀರಿ ಸೇಬುಗಳು ಎಂದು ಹೇಳಿ ಮಾರಾಟ ಮಾಡುತ್ತಿದ್ದ ಸೇಬುಗಳನ್ನು ಖರೀದಿಸುತ್ತಾರೆ. ಆದರೆ ಮನೆಗೆ ತಂದು ನೋಡಿದಾಗ ಅವು ಸಡೆದಿರುತ್ತವೆ. ಈ ಘಟನೆಯಿಂದ ಲೇಖಕರು ಆಘಾತಗೊಂಡು ಸಮಾಜದ ಬದಲಾಗುತ್ತಿರುವ ಮೌಲ್ಯಗಳ ಬಗ್ಗೆ ಚಿಂತಿಸುತ್ತಾರೆ.
ಮುಖ್ಯ ಅಂಶಗಳು:
- ನಂಬಿಕೆಯ ಕೊರತೆ: ಹಿಂದೆ ವ್ಯಾಪಾರಿಗಳು ಪ್ರಾಮಾಣಿಕರಾಗಿದ್ದರು, ಆದರೆ ಈಗ ಮೋಸ ಮಾಡುವುದು ಸಾಮಾನ್ಯವಾಗಿದೆ.
- ಭ್ರಷ್ಟಾಚಾರ: ವ್ಯಾಪಾರಿಗಳಾಗಲಿ, ಸರ್ಕಾರಿ ನೌಕರರಾಗಲಿ ಎಲ್ಲಾ ಕ್ಷೇತ್ರಗಳಲ್ಲಿ ಭ್ರಷ್ಟಾಚಾರ ಹರಡಿದೆ.
- ಲಾಭಕ್ಕಾಗಿ ಮೋಸ: ಜನರು ಸುಲಭವಾಗಿ ಮೋಸ ಮಾಡುವ ಅವಕಾಶವನ್ನು ಹುಡುಕುತ್ತಾರೆ.
- ಗ್ರಾಹಕರ ನಿರ್ಲಕ್ಷ್ಯ: ಗ್ರಾಹಕರು ಸಹ ಜಾಗೃತರಾಗಿರುವುದಿಲ್ಲ ಮತ್ತು ಮೋಸ ಹೋಗುತ್ತಾರೆ.
ಲೇಖಕರ ಸಂದೇಶ: ಲೇಖಕರು ಓದುಗರಿಗೆ ಮಾರುಕಟ್ಟೆಗೆ ಹೋದಾಗ ಜಾಗೃತರಾಗಿರಬೇಕು ಮತ್ತು ಯಾರನ್ನೂ ಸುಲಭವಾಗಿ ನಂಬಬಾರದು ಎಂದು ಎಚ್ಚರಿಕೆ ನೀಡುತ್ತಾರೆ. ನಾವು ನಮ್ಮ ಮೌಲ್ಯಗಳನ್ನು ಮರೆಯಬಾರದು ಮತ್ತು ಪ್ರಾಮಾಣಿಕತೆ ಮತ್ತು ಸತ್ಯವನ್ನು ಪಾಲಿಸಬೇಕು ಎಂದು ಹೇಳುತ್ತಾರೆ.
ಸಾರಾಂಶ: ಈ ಲೇಖನ ಸಮಾಜದ ಒಂದು ಕನ್ನಡಿ, ಇದು ನಮ್ಮ ದೋಷಗಳನ್ನು ತೋರಿಸುತ್ತದೆ ಮತ್ತು ಸುಧಾರಣೆಗೆ ಪ್ರೇರೇಪಿಸುತ್ತದೆ.
ಈ ಲೇಖನ ನಮಗೆ ಈ ಕೆಳಗಿನವುಗಳಿಗೆ ಪ್ರೇರೇಪಿಸುತ್ತದೆ:
- ಜಾಗೃತರಾಗಿರಿ: ಮಾರುಕಟ್ಟೆಗೆ ಹೋದಾಗ ಜಾಗೃತರಾಗಿರಿ ಮತ್ತು ಯಾರನ್ನೂ ಸುಲಭವಾಗಿ ನಂಬಬೇಡಿ.
- ಪ್ರಾಮಾಣಿಕರಾಗಿರಿ: ನೀವೇ ಪ್ರಾಮಾಣಿಕರಾಗಿರಿ ಮತ್ತು ಇತರರನ್ನು ಸಹ ಪ್ರಾಮಾಣಿಕತೆಗೆ ಪ್ರೇರೇಪಿಸಿ.
- ಸಮಾಜದಲ್ಲಿ ಬದಲಾವಣೆ ತನ್ನಿ: ಸಮಾಜದಲ್ಲಿ ಬದಲಾವಣೆ ತರಲು ಪ್ರಯತ್ನಿಸಿ ಮತ್ತು ಭ್ರಷ್ಟಾಚಾರದ ವಿರುದ್ಧ ಧ್ವನಿ ಎತ್ತಿ.
Kashmiri seb lesson summary in English :
Main Theme of the Text: Changing Social Values and Trust
The author, through a simple incident, highlights the prevalent corruption and lack of trust in society. Using the experience of purchasing rotten apples from the market, the author expresses concern over the moral decline of society.
Brief Summary of the Story:
The author buys some apples from the market, which are claimed to be high-quality Kashmiri apples. However, upon reaching home, he discovers that the apples are rotten and spoiled. This incident deeply shocks the author, leading him to contemplate the changing values of society.
Key Points:
- Lack of Trust: Earlier, traders were known for their honesty, but now deceit has become commonplace.
- Corruption: Corruption is pervasive in all sectors of society, be it traders or government officials.
- Greed: People easily find opportunities to deceive others.
- Negligence of Buyers: Buyers are also not vigilant and often fall prey to deceit.
Author’s Message:
The author warns readers to be cautious while shopping and not to trust anyone easily. He emphasizes the importance of upholding our values and practicing honesty and truthfulness.
Overall, this text serves as a mirror for society, reflecting our flaws and inspiring us to improve.
This text motivates us to:
- Be Vigilant: Be cautious while shopping and do not trust anyone easily.
- Be Honest: Be honest yourself and inspire others to be honest as well.
- Bring About Change in Society: Strive to bring about change in society and raise your voice against corruption.
Conclusion :
अबतक आपने Kashmiri seb notes को बहुत ही विस्तार से जाना है । मुझे उम्मीद है की यह लेख आपको पसंद आया होगा। इस Kashmiri seb notes/amazing summary से संबंधित आपके कोई विचार हो तो जरूर Comments box में टाइप कीजिए ।
प्रिय छात्रों मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप इस नोट्स की तैयारी कर अपनी परीक्षा में अच्छे अंक लाने का प्रयास करें ।
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अतिरिक्त जानकारी
FAQ बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न :
1. लेखक चीज़ें खरीदने कहाँ गये थे ?
उत्तर : लेखक चीज़ें खरीदने बाज़ार गये थे।
2. लेखक को क्या नज़र आया ?
उत्तर : लेखक को एक दूकान पर बहुत अच्छा रंगदार, गुलाबी सेब नज़र आया।
3. लेखक का जी क्यों ललचा उठा ?
उत्तर : रंगदार गुलाबी सेबों को देखकर लेखक का जी ललचा उठा।
4. टोमाटो किसका आवश्यक अंग बन गया है ?
उत्तर :टोमाटो भोजन का आवश्यक अंग बन गया है।
5. स्वाद मे सेब किससे बढ़कर नहीं है ?
उत्तर : स्वाद में सेब आम से बढ़कर नहीं है।
6.रोज़ एक सेब खाने से किनकी ज़रूरत नहीं होगी ?
उत्तर : रोज़ एक सेब खाने से डॉक्टर की ज़रूरत नहीं होगी।
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